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लौकहा डाकघर में तीन सालों का जमा व निकास का रेकार्ड गायब, ग्राहक परेशान

मधुबनी । जिन खातेदारों के पैसे फर्जीवाड़ा कर उड़ा लिए गए उनका लौकहा डाकघर का चक्कर लगातार जारी है। सोमवार को बड़ी संख्या में लोग पासबुक लेकर डाकघर पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 11:12 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 11:12 PM (IST)
लौकहा डाकघर में तीन सालों का जमा व निकास का रेकार्ड गायब, ग्राहक परेशान
लौकहा डाकघर में तीन सालों का जमा व निकास का रेकार्ड गायब, ग्राहक परेशान

मधुबनी । जिन खातेदारों के पैसे फर्जीवाड़ा कर उड़ा लिए गए, उनका लौकहा डाकघर का चक्कर लगातार जारी है। सोमवार को बड़ी संख्या में लोग पासबुक लेकर डाकघर पहुंचे। दैनिक जागरण में लौकहा डाकघर में हुए फर्जीवाड़े की छपी खबर से उनका हौसला बढ़ा है कि अब मामले को दबाया नहीं जा सकता। बीते सात जनवरी को लौकहा आए मधुबनी के डाक अधीक्षक को खातेदारों ने लाखित शिकायत की थी कि उनके खातों में जमा रकम फर्जीवाड़ा कर निकाल ली गई। डाक अधीक्षक ने उनसे आवेदन लिए थे और मामले की जांच के बाद भुगतान का आश्वासन दिया था।

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आदेश होने पर होगा भुगतान :

लौकहा के वर्तमान पोस्ट मास्टर अरविद कुमार यादव ने फर्जीवाड़ा के शिकार लोगों को कहा कि विभागीय अधिकारियों का आदेश मिलने पर ही भुगतान किया जा सकता है। यह भी बताया कि वर्ष 2015 से 2018 तक की जमा और निकासी के रेकॉर्ड डाकघर में नहीं हैं। इधर, दैनिक जागरण में फर्जीवाड़े से संबंधित खबर पढकर क्षेत्र के लोगों ने प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। गोईत परसाही के रवि रंजन कुमार राजा की सावधि जमा खाते से 11 लाख से अधिक रकम उड़ा ली गई। उन्होंने कहा कि मामला इस प्रकार उजागर हो गया है कि अब इसे दबाया नहीं जा सकता। लौकहा के मुखिया संजीव कुमार साह तथा सरपंच रोबिन साह ने भी छपी खबर का स्वागत किया है। रोबिन साह ने कहा कि कमजोर वर्ग के गरीब लोग अपना पेट काटकर वक्त जरूरत के लिए खाते में पैसे जमा किए हुए थे। डाक विभाग को उनके पैसे तुरंत वापस करने चाहिएं। मुखिया संजीव कुमार साह ने फर्जीवाड़े में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी की मांग की है।

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डाक विभाग से ग्राहकों का उठ रहा भरोसा :

खेमयू एवं माकपा नेता उमेश घोष ने कहा कि बैंक से भी अधिक भारत सरकार के डाकघर पर लोगों को भरोसा रहा है। लौकहा में हुए इस प्रकार के फर्जीवाड़े से आम जनता का डाक विभाग पर कायम विश्वास हिल गया है। कहा कि वर्ष 2015 से 2018 तक तीन सालों तक फर्जीवाड़ा होता रहा, बीच-बीच में डाक विभाग के अधिकारियों का निरीक्षण भी होता रहा, लौकहा डाकघर से नियमित रूप से रिपोर्ट रिटर्न भी मधुबनी हेड ऑफिस जाता रहा और फिर भी लाखों का फर्जीवाड़ा हो गया। जो जांच के दायरे में बताए जा रहे हैं उन्हें तबादला कर मधुबनी बुला लिया गया। उन्हें निलंबित किया गया और फिर उन्हें निलंबनमुक्त भी कर दिया गया। अब उस कर्मी को कभी छुट्टी पर तो कभी फरार बताया जा रहा है। कहा कि मामला बहुत बड़ा है। इसकी निगरानी द्वारा त्वरित जांच की जानी चाहिए।

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