ठाकुरबाड़ी तालाब के अतिक्रमण का फैलता जंजाल
इस तालाब की काफी अहमियत थी। तालाब के संरक्षण के दिशा में संबंधित विभाग की कुंभकर्णी निद्रा टूटती ही नहीं है। तालाब जलकुंभी से भर चुका है। इस तालाब का उड़ाही की मांग वर्षों से होती रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तालाब सहित प्रखंड के तीन दर्जन से अधिक तालाब अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चला गया है। सरकारी तालाबों को जीवित करने के लिए सरकारी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नही किया जा रहा है।
मधुबनी। जिले के लौकही प्रखंड के मटही गांव के ठाकुरबाड़ी तालाब व उसके भिडे का अतिक्रमण का जंजाल फैलता चला गया। इस तालाब की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। गांव के लोग इस तालाब के जीर्णोद्धार की आस लगाए है। इस तालाब में जलकुंभी होने से बरसात के दिनों में थोड़ी-बहुत तालाब की प्यास तो बुझती है लेकिन इसका लाभ तालाब को नही मिलता है। तालाब के जमीन के कुछ हिस्सों पर अतिक्रमण तालाब के अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर दिया है। इस तालाब की काफी अहमियत थी। तालाब के संरक्षण के दिशा में संबंधित विभाग की कुंभकर्णी निद्रा टूटती ही नहीं है। तालाब जलकुंभी से भर चुका है। इस तालाब का उड़ाही की मांग वर्षों से होती रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तालाब सहित प्रखंड के तीन दर्जन से अधिक तालाब अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चला गया है। सरकारी तालाबों को जीवित करने के लिए सरकारी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नही किया जा रहा है।
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सरकारी तालाबों को बचाने की चल रही प्रक्रिया जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सूर्य प्रकाश राम ने बताया कि जिले के साढ़े चार हजार से अधिक सरकारी तालाबों पर विभाग की नजर बनी हुई है। सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में सरकारी तालाबों की रखरखाव के लिए विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। तालाबों के अतिक्रमण की शिकायतों को गंभीरता से निपटारा किया जाता है। किसी भी तालाब को अतिक्रमण से लोगों को बचना चाहिए। विभाग तालाबों को जीवित करने के लिए अपने स्तर से कार्य कर रही है। लोगों को तालाबों के अतिक्रमण से बचते हुए इसकी रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। विभाग लोगों की शिकायत पर गौर करते हुए समुचित कार्रवाई की जाएगी।