शौचालय योजना की मिट्टी पलीद, ओडीएफ की खुल रही पोल
मधुबनी। शौचालय निर्माण की धीमी गति नगर परिषद क्षेत्र में ओडीएफ के दावे की पोल खोल रही है। नगर परिषद क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ घोषित होने के बाद भी खुले में शौच की कुप्रथा पर रोक नही लग सकी है।
मधुबनी। शौचालय निर्माण की धीमी गति नगर परिषद क्षेत्र में ओडीएफ के दावे की पोल खोल रही है। नगर परिषद क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ घोषित होने के बाद भी खुले में शौच की कुप्रथा पर रोक नही लग सकी है। शहर को खुले में शौच से मुक्त के दावे का दम निकल रहा है। शहर के विभिन्न हिस्सों में खुले में शौच की कुव्यवस्था के प्रति नगर परिषद प्रशासन उदासीन है। शहरी क्षेत्र के गंगासागर तालाब समेत विभिन्न तालाब किनारे खुले में शौच पर रोक नही लग सकी हैं। वहीं शौचालय योजना में अनियमितता से शहरी क्षेत्र के लोगों को इसके लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। शौचालय योजना में विभागीय स्तर पर गड़बड़ी के आरोप की जांच होने से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। शौचालय लाभुकों के चयन में हेराफेरी से कार्यशैली संदेह के घेरे में
नगर परिषद के कुल 30 वार्डो में शौचालय निर्माण में देरी हो रही। वहीं निर्मित शौचालय के लाभुकों को अनुदान राशि का भुगतान नहीं हो रहा। इसके अलावा शौचालय लाभुकों के चयन में हेराफेरी से नगर परिषद प्रशासन की कार्यशैली संदेह के घेरे में आ गई है। जाहिर है कि आज विश्व शौचालय दिवस पर शहर समेत जिले के विभिन्न हिस्सों में प्रभात फेरी, संगोष्ठी सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। डॉ. एनके यादव ने बताया कि खुले में शौच की आदत से परहेज करते हुए शौचालय के इस्तेमाल से विभिन्न तरह की बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। लक्ष्य के अनुरूप शौचालय निर्माण की आंकड़ा में भारी अंतर
नगर परिषद क्षेत्र सहित जिले में शौचालय निर्माण योजना की मिट्टी पलीद हो रही है। मधुबनी नगर परिषद के अलावा झंझारपुर, जयनगर व घोघरडीहा नगर पंचायत में लक्ष्य के अनुरूप शौचालय निर्माण में भारी अंतर सामने आया है। पिछले माह विभाग द्वारा जिले के विभिन्न निकायों में शौचालय निर्माण व पोर्टल पर अपलोड किए गए उसके डाटा में भारी अंतर शौचालय निर्माण में विभाग के कार्यशैली पर सवाल उठ रहा है। मधुबनी नगर परिषद में लक्ष्य 10325 की जगह 10277 शौचालय निर्माण की बात बतायी गई है। जबकि 1913 अपलोड किए जाने से 8364 शौचालय का अंतर पाया गया है। झंझारपुर नगर पंचायत में लक्ष्य 1258 की जगह 1258 शौचालय निर्माण की बात बतायी गई है। जबकि 719 अपलोड किए जाने से 539 शौचालय का अंतर सामने आया है। जयनगर नगर पंचायत में लक्ष्य 1652 की जगह 1627 शौचालय निर्माण की बात बताई गई है। जबकि 1242 अपलोड किए जाने से 385 शौचालय का अंतर सामने आया है। वहीं घोघरडीहा नगर पंचायत में लक्ष्य 1609 की जगह 1489 शौचालय निर्माण की बात बतायी गई है। जबकि 1024 अपलोड किए जाने से 464 शौचालय का अंतर सामने आया है। शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की जांच के प्रति प्रशासन उदासीन
शहर के रामप्रसाद साह ने बताया कि नगर परिषद कार्यालय में घोर अनियमितता के कारण शौचालय योजना का लाभ शहर की जगह ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दिया गया है। इसकी उच्चस्तरीय जांच की जरूरत है। शहर के रोहित कुमार ने बताया कि शहर में घरों में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की जांच के प्रति प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ आंदोलन की जरूरत है। वहीं शहर के महेश ठाकुर ने बताया कि नगर परिषद द्वारा शहर में एक भी जगह पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नही कराया जा सका है।
इस मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने कहा कि जिओ टैगिग के बाद ही राशि का भुगतान किया जा रहा है। लंबित शौचालयों के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।