वादे तो हर चुनाव में करते, होता कुछ नहीं
सांसद आदर्श पंचायत बनकट्टा के उड़ेन गांव आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी सड़क के लिए तरस रहा है।
मधुबनी। सांसद आदर्श पंचायत बनकट्टा के उड़ेन गांव आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी सड़क के लिए तरस रहा है। साढ़े तीन दशक पूर्व गांव में खरंजा सड़क बनी, उसी जर्जर सड़क पर गांव के लोग चलने को विवश हैं। कितने चुनाव आए व गए लेकिन उड़ेन गांव की समस्या जस की तस है। किसी ने इस सड़क की सुध ली। सांसद व विधायक के उदासीनता के कारण उड़ेन गांव विकास की दौड़ से पिछड़ गयी है। मधुबनी के सांसद हुक्मदेव नारायण यादव ने बेनीपट्टी प्रखंड के बनकट्टा पंचायत को सांसद आदर्श पंचायत के रूप में गोद लिया। सांसद के द्वारा गांव को गोद लिए जाने के बाद उड़ेन गांव के जनता में खुशी हुई की अब गांव का विकास होगा। साथ ही समस्याओं से निजात मिलेगी। लेकिन आज भी सांसद आदर्श पंचायत के गांव उड़ेन की जनता सड़क के लिए लालायित है। गांव के लोग साढ़े तीन दशक पूर्व बने खरंजा सड़क पर चलने को विवश हैं। अबतक उड़ेन गांव में सड़क कालीकरण नहीं हो सका है। शासन प्रशासन जनप्रतिनिधि के द्वारा इस गांव की सड़क की सुध नहीं ली गई। जिस कारण यहां की जनता में आक्रोश व्याप्त है। गांव की सड़क जर्जर व क्षतिग्रस्त हैं बरसात के दिनों में सड़क पर जल जमाव होने से जनता को परेशानी का सामना करना नियति बनकर रह गयी है। जनता गांव की सड़क बदहाल रहने एवं गांव में पीसीसी सड़क अबतक नहीं बनने की चुनावी मुद्दा बनाकर राजनेताओं से सवाल करेंगी। उड़ेन गांव की जनता राजनेताओं के झूठे वायदे व आश्वासन के कारण छला हुआ महसूस कर रहे हैं। कहते हैं लोग
उड़ेन गांव के ग्रामीण विनोद ठाकुर, हर्षनारायण ठाकुर, राकेश ठाकुर, ध्रुव नारायण ठाकुर, अधिवक्ता रतीश चौधरी, पुणानंद चौधरी, राधे यादव, गौनू ठाकुर, इन्द्र झा, मोहन झा सहित अन्य लोग कहते हैं कि गांव में विकास चौपट है। साढ़े तीन दशक पहले जो खरंजा सड़क बनी थी उसी सड़क पर आज भी जनता चलने को विवश है, लेकिन 35 वर्ष बाद भी अब तक इस गांव में सड़क कालीकरण नहीं हो सका है। चुनाव के समय राजनेताओं के द्वारा आश्वासन तो जरूर दिया जाता है लेकिन गांव के विकास के प्रति गंभीरता नहीं दिखायी जाती है। कहते हैं कार्यपालक अभियंता
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि उड़ेन गांव की सड़क की रिपोर्ट बनाकर विभाग को भेजा गया है।