दोनों ओर पथ तो बन गया, नहीं बना त्रिशूला नदी पर पुल
लोस चुनाव की रणभेरी बजते ही जनता के बीच चुनावी चर्चा जोर पकड़ने लगी है।
मधुबनी। लोस चुनाव की रणभेरी बजते ही जनता के बीच चुनावी चर्चा जोर पकड़ने लगी है। मतदाता जनप्रतिनिधियों से उनके द्वारा चुनावी वादे पूरे नहीं करने पर प्रत्याशियों को सबक सीखने की बात कर रहे हैं। झंझारपुर संसदीय क्षेत्र के लदनियां प्रखंड का सालों से सबसे बड़ा मुद्दा धर्मवन जोगा टोल रामनगर एकहरी के बीच उतर वाहिनी त्रिशूला नदी पर पुल निर्माण है। लेकिन, इस समस्या से कोई जनप्रतिनिधि निजात नहीं दिला पा रहा है। जबकि इस क्षेत्र का जनप्रतिनिधि केंद्रीय मंत्री और सूबे में कैबिनेट मंत्री ही नहीं विधानसभा अध्यक्ष के पद के पद को भी सुशोभित कर चुका है। मुख्यमंत्री के आश्वासन के करीब 11 वर्षों के बाद पुल का निर्माण नहीं हो सका। इस पुल का निर्माण होने से लदनियां और बाबूबरही प्रखंड के बीच दूरी काफी कम हो जायेगी। इस बार के चुनाव में जनता जनप्रतिनिधियों से हिसाब किताब लेने के मूड में हैं। रपट इंद्रमोहन मिश्र की ।
--------------- एकहरी गांव त्रिशूला नदी से चारों तरफ से घिरा है। गांव के दो तरफ तो नदी में पुल बन चुका है। शिवराम घाट पर पुल निर्माण कार्य चल रहा है। बिडंबना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के करीब 11 वर्ष गुजरने के बाद भी धर्मवन जोगा टोल रामनगर एकहरी के बीच उतर वाहिनी त्रिशूला नदी पर पुल निर्माण नहीं हो सका है। जबकि, लदनियां और बाबूबरही प्रखंड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क है। नदी के दोनों तरफ प्रधानमंत्री सड़क निर्माण कार्य हो चुका है। पुल निर्माण हो जाने से लदनियां, बाबूबरही प्रखंड मुख्यालय की दूरी सात किलोमीटर तक कम हो जायेगी।
---------------
आश्वासन दे भूल जाते राजनेता
मैं स्थानीय समस्या को लेकर लोगों से रूबरू होने रामनगर एकहरी दिन के करीब 12 बजे पहुंचे। कुछ लोग शिव मंदिर के बरामदा पर बैठ कर गांव के उतर उत्तरवाहिनी त्रिशूला नदी पर पुल निर्माण नहीं होने को लेकर आपस मे बातचीत कर रहे थे। चर्चा में भाग लेते हुए सगुन लाल राय ने कहा कि एकहरी रामनगर की दूरी खाजेडीह चौक से महज तीन किलोमीटर है। साधारण वर्षा होने के बाद नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से भूतहा गांव होकर 9 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है। स्कूली बच्चों को पढ़ने के लिए नदी में पार करने में परेशानी देखकर हमलोग जनसहयोग से उक्त नदी में करीब चार लाख रुपये से कल्वर्ट निर्माण करवाया है। चुनावी समय में नेता लोग वोट बटोरने के लिए जोगा टोल धर्मवन एकहरी रामनगर के बीच उतर वाहिनी नदी पर पुल निर्माण करवाने का पुरजोर आश्वासन देते हैं। मगर चुनावी परिणाम अपने पक्ष में आते ही अपने वादे भूल जाते हैं। जबकि, लदनियां से बाबूबरही प्रखण्ड मुख्यालय जाने के लिए अन्य रास्ते के बदले पांच किलोमीटर दूरी कम होता है।
मो. मुस्लिम अंसारी ने कहा कि 16 मई 2008 में एक आमसभा में उक्त नदी पुल बनाने का आश्वासन दिया गया। 11 वर्ष गुजरने के बाद भी पुल निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका।
-------------
तीन किमी की जगह नौ किमी की तय करनी पड़ती दूरी :
परीक्षण सदाय का कहना था कि सरकार विकास के नाम पर ढोल पिटती है। जबकि, सरकार अपने आश्वासन भूल जाती है। इस बार जनता चुनाव में सरकार से उनके वादों का हिसाब किताब लेगी।
नजीर अंसारी का कहना है कि इस बार उतर वाहिनी त्रिशूला नदी पर पुल नहीं बनना चुनावी मुद्दा है। सांसद व विधायक को सरकार के वादों का हिसाब देना होगा। कृष्णा देवी का कहना है कि स्कूली बच्चों को त्रिशूला नदी पार कर उच्च शिक्षा या कोचिग करने खाजेडीह जाना पड़ता हैं। बाढ़ आने पर तीन किलोमीटर के बदले 9 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। सरकार लोगों के चिरप्रतीक्षित मांग को नजरअंदाज कर देती है। वीणा देवी ने कहा कि इस बार पुल निर्माण चुनावी मुद्दा है। सांसद व विधायक को अपने चुनावी वादों का हिसाब किताब देना होगा।
नरेंद्र साह का कहना था कि पुल निर्माण नहीं होने से हमलोग अब सांसद और विधायक के वादों पर भरोसा नहीं करेंगे।
डॉ. अयोधि राय का कहना है कि जब जनप्रतिनिधि जनता से किए गए वादों को ध्यान नहीं देते तो फिर जनता भी सोचने को बाध्य होगी। हमलोग सांसद विधायक का क्यों सुनेंगे?
विनोद सिंह का कहना था कि जनहित में उत्तरवाहिनी त्रिशूला में पुल निर्माण अतिआवश्यक है। रामनगर एकहरी और जोगा टोल धर्मवन सभी क्षेत्र में पिछड़ा है। नदी पर पुल निर्माण नहीं होने से लोग विकास से कोसों दूर हैं। प्रभुलाल राय का कहना था कि त्रिशूला नदी में पुल नहीं होने से लोग विकास की मुख्यधारा से कट चुके हैं। अब वादे बहुत हो चुका है। पुल निर्माण नहीं होने का हिसाब किताब इस चुनाव में जनप्रतिनिधियों से लेंगे।
------------------ मनोज कुमार राय