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लावारिस नवजात बच्ची को दंपती ने सीने से लगा पेश की मानवता की मिसाल

मधुबनी। जाको राखे साइयां मार सके ना कोई बाल ना बांका कर सके जो जग बैरी होई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 10:13 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 06:16 AM (IST)
लावारिस नवजात बच्ची को दंपती ने सीने से लगा पेश की मानवता की मिसाल
लावारिस नवजात बच्ची को दंपती ने सीने से लगा पेश की मानवता की मिसाल

मधुबनी। 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, बाल ना बांका कर सके, जो जग बैरी होई'। कुछ ऐसा ही वाकया सकरी थाना क्षेत्र के उगना महादेव की नगरी भवानीपुर गांव में शनिवार को घटित हुई। मानवता को शर्मसार करते हुए किसी ने एक नवजात बच्ची को रात के अंधेरे में गड्ढे के पास जंगलों में मरने के लिए फेंक दिया। संयोग से अहले सुबह शौच के लिए वहां गए लोगों की नजर उस नवजात पर पड़ी और उसकी जान बच गई। शनिवार की सुबह पांच बजे गांव के धोबियाही के पास सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के पास डबरा के बगल स्थित जंगली घासों में एक कपड़े के टुकड़े में लिपटी शरीर पर खून के धब्बे लगी नवजात मिली। वहां से गुजर रहे मनीष व सूरज को एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई पड़ी। इस पर उन्होंने आसपास के लोगों को आवाज लगाई। नवजात बच्ची मिलने की घटना सुन आसपास के दर्जनों लोग वहां जुट गए। लेकिन, किसी ने उस नवजात को उठाने की जहमत नहीं की। आखिरकार, भवानीपुर निवासी मो. अयूब का बेटा मो. आशिक अपनी पत्नी अख्तरी खातुन के साथ वहां पहुंचा। दंपत्ति को नवजात पर तरस आ गई और उन्होंने बच्ची को गोद में उठा लिया। वे उसे अपने घर ले गए। घटना की सूचना मिलने पर मुखिया रुद्रकांत झा उस दंपत्ति के घर पहुंचे और उनकी सराहना की। मो. आशिक व अख्तरी खातुन ने कहा कि उन्हें तीन बेटे हैं। एक बेटी की अभिलाषा थी, जो इस नवजात के रूप में अल्लाह ने उन्हें बख्श दी। उनलोगों ने नवजात बच्ची का नाम अलीजा़ रखा है। कहा कि अब उनकी तीन नहीं चार संतानें हैं।

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