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अंग्रेजों से लोहा लेते हुए खजौली के छह सपूतों ने न्योछावर कर दिए अपनी जान

मधुबनी । देशभक्ति का जज्बा और अंग्रेजों को सबक सिखाने के इरादे से आजादी के दीवानों की एक टुकड़ी आठ अगस्त 1942 को जिले के खजौली कोसी प्रोजेक्ट भवन परिसर में रणनीति बना रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 11:38 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 11:38 PM (IST)
अंग्रेजों से लोहा लेते हुए खजौली के छह सपूतों ने न्योछावर कर दिए अपनी जान

मधुबनी । देशभक्ति का जज्बा और अंग्रेजों को सबक सिखाने के इरादे से आजादी के दीवानों की एक टुकड़ी आठ अगस्त 1942 को जिले के खजौली कोसी प्रोजेक्ट भवन परिसर में रणनीति बना रहे थे। खजौली थाना से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर इस गुप्त बैठक की भनक अंग्रेज सिपाही को लग गई। अंग्रेज सिपाही कोसी प्रोजेक्ट भवन आ धमके। यहां रणनीति बना रहे आजादी के दीवाने भी पीछे हटने से मुकरते हुए अंग्रेजों को ललकारने लगे। अंग्रेज सिपाही खुद को बचाने के लिए आजादी के दिवानों पर डंडा, कोरा बरसाने लगे। स्थिति भयावह होते देख अंग्रेजों ने अपनी जान बचाने के लिए गोली चलाना शुरू कर दिया। निहत्थे आजादी के दीवानों ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे और अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए।

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---------------- शहीदों में गणेश ठाकुर और शिव झा थे नाबालिग : शहीद होने वालों में गणेश ठाकुर (14), जयनंदन सिंह (28), नारायण मिश्र (25), नेवी यादव (35), भगवंत पासवान (20) व शिव झा (13) शामिल थे। जयनंदन सिंह व नेवी यादव ने घटना स्थल पर दम तोड़ दिया। अंग्रेजों की गोली से जख्मी शेष चार लोगों ने भी बाद दम तोड़ दिया। शहीदों में गणेश ठाकुर और शिव झा नाबालिग थे। शहीदों के याद में घटना स्थल बेहटा में स्मारक की नींव रखी गई। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस सहित अन्य मौकों पर शहीद स्मारक पर श्रद्धा प्रकट करने के लिए लोग जुटते हैं।

------------------- जयनंदन सिंह को लगी थी तीन गोली : शहीद जयनंदन सिंह की अभी शादी ही हुई थी। जयनंदन सिंह अंग्रेजों के गोली से शहीद हो गए। जयनंदन सिंह जिले के बाबूबरही प्रखंड के बौंसी गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में पदस्थापित थे। जयनंदन सिंह आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए। रामसखी देवी (जयनंदन सिंह की पत्नी) का पांच वर्ष पूर्व निधन हो गया।

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शहीद नेवी यादव के पुत्र भी अंग्रेजों से लेते रहे लोहा : शहीद नेवी यादव के पुत्र बलदेव यादव भी आजादी की लड़ाई में शामिल रहे थे। नेवी यादव को शहीद होने के बाद उनके पुत्र बलदेव यादव अंग्रेजों से लोहा लेते रहे। अंग्रेज बलदेव यादव की गिरफ्तारी के लिए गांव में लगातार छापेमारी करते रहे। बलदेव यादव को किसी घर में छुपे रहने के शक में अंग्रेजों ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया। बाद में बलदेव यादव गिरफ्तार कर लिए गए।

------------------- शहीद स्मारक स्थल के जीर्णोद्धार की पहल : सरकारी स्तर पर उपेक्षित बेहटा का शहीद स्मारक स्थल का जीर्णोद्धार का पहल खजौली के पूर्व प्रमुख दीपक कुमार सिंह ने निजी कोष से की है। हालांकि, जीर्णोद्धार कार्य अधूरा पड़ गया है। करीब एक कट्ठा जमीन पर शहीद स्मारक का जीर्णोद्धार कार्य पर अब तक करीब 70 हजार रुपये खर्च हुए हैं। इस पर करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च का अनुमान है। पूर्व प्रमुख ने बताया कि स्मारक का जीर्णोद्धार कार्य पूरा करेंगे।

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