विकास को जूझ रहा मिन्हैं बहेंगरा गांव
पंडौल प्रखंड के सकरी पूर्वी पंचायत का मिन्है बहेंगरा गांव आज भी विकसित नहीं हो सका है।
मधुबनी। पंडौल प्रखंड के सकरी पूर्वी पंचायत का मिन्है बहेंगरा गांव आज भी विकसित नहीं हो सका है। यहां कई मूलभूत सुविधाओं की कमी है। प्रखंड मुख्यालय से दस किमी दूर यह गांव अपने विकास की प्रतीक्षा कर रहा है।
लगभग 12 सौ वोटरों वाले इस गांव में पंचायत के कुल दो वार्ड आते हैं। जिसमें दो आंगनबाड़ी केंद्र है। जिसका अपना भवन 2013 से ही बन रहा जो अब तक नहीं बन पाया है। एक संसाधन विहीन मध्य विद्यालय है, जहां ना तो नियमित एमडीएम बनता है ना ही शौचालय की पर्याप्त सुविधा है। गांव में लगभग 35 प्रतिशत लोग साक्षर हैं। अब तक लगभग एक दर्जन लोग सरकारी सेवा दे चुके हैं। यहां लगभग 12 से 15 घंटा बिजली रहती है। बिजली सकरी फीडर से आती है। गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को नियमित पोषाहार भी नहीं मिलता है। गांव की सड़कों की हालत जर्जर व दयनीय है। गांव वाले एक अदद सामुदायिक भवन के लिए भी तरस रहे हैं। कहते हैं ग्रामीण
सरकार की उदासीनता के कारण मिन्है बहेंगरा गांव के एनएच 57 के किनारे होने के बावजूद विकास के लिए तरस रहा है। गांव की सड़कें अतिक्रमण का शिकार है।
चंदे मुखिया
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गांव की सड़कें जर्जर हैं। जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं रहने के कारण जलजमाव आम समस्या बन चुकी है। दर्जनों परिवार राशन कार्ड से वंचित हैं।
निर्मल प्रसाद -------------
गांव के विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था ठप की स्थिति है। विद्यालयों में शौचालय व चापाकल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। आंगनबाड़ी केंद्र को भवन की आवश्यकता है।
उर्मिला देवी, जिप सदस्य
फोटो 13एमडीबी 4
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¨सचाई के संसाधन के अभाव में कृषि व्यवस्था चौपट हो गई है। महादलित बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद इसका विकास नहीं किया। गांव की शिक्षा व्यवस्था प्रशासनिक उदासीनता के कारण बर्बाद हो रही है। सात निश्चय योजना के तहत छोटी बड़ी सड़कें बनाई जाएंगी।
--राधा प्रसाद, मुखिया आंकड़ों में गांव..
गांव का नाम - मिन्है बहेंगरा
पंचायत-सकरी पूर्वी
वार्ड- दो
गांव की आबादी -2300
मतदाता -1200
साक्षरता - 35 प्रतिशत
स्कूल -एक मध्य विद्यालय
सामुदायिक भवन- एक
आंगनबाड़ी केंद - दो
उपस्वास्थ्य केंद्र - नहीं