पीएचसी प्रभारी, स्वास्थ्य प्रबंधक से लेकर लेखापाल तक के वेतन पर रोक
मधुबनी। जननी बाल सुरक्षा योजना के लाभुकों के लंबित राशि का भुगतान नहीं किए जाने के मामले को सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति ने काफी गंभीरता से लिया है।
मधुबनी। जननी बाल सुरक्षा योजना के लाभुकों के लंबित राशि का भुगतान नहीं किए जाने के मामले को सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति ने काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने जननी बाल सुरक्षा योजना के लाभुकों को जब तक लंबित राशि का भुगतान नहीं कर दिया जाता है तब तक के लिए संबंधित स्वास्थ्य संस्थान के उपाधीक्षक एवं संबंधित पीएचसी प्रभारी के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया है। इसके अलावा संबंधित प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक से लेकर संबंधित प्रखंड लेखापाल तक के मानदेय भुगतान पर भी सिविल सर्जन ने रोक लगाई है। इस कार्रवाई के संबंध में सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल के अधीक्षक, विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के उपाधीक्षक से लेकर पीएचसी प्रभारियों तक को पत्र भेजकर सूचित कर दिया है।
गौरतलब है कि जिले में जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत 8,765 लाभुकों का भुगतान लंबित पड़ा हुआ है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा निर्देश के अनुसार जननी बाल सुरक्षा योजना के लाभुकों को प्रसव के उपरांत अस्पताल से डिस्चार्ज होने से पहले ही प्रोत्साहन राशि का भुगतान पीएफएमएस-एचएम के माध्यम से कर दिया जाना है। लेकिन, इस निर्देश का पालन नहीं हो रहा है। समीक्षा में बीते 16 अक्टूबर तक 8,765 लाभुकों का भुगतान लंबित रहने का मामला देख स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक तक ने काफी गंभीरता से लेते हुए दोषी कर्मियों एवं पदाधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी निर्देश के आलोक में सिविल सर्जन ने उक्त कार्रवाई की है। सिविल सर्जन ने 15 दिनों के अंदर उक्त योजना के सभी लाभुकों की प्रविष्टि ई-जननी पोर्टल पर करते हुए नियमानुसार पीएफएमएस-एचएम के माध्यम से शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया जाए। सिविल सर्जन ने चेताया है कि यदि 15 दिनों के बाद समीक्षा के दौरान अगर किसी स्वास्थ्य संस्थान में उक्त योजना के लाभुकों का भुगतान लंबित पाया जाएगा तो उस स्वास्थ्य संस्थान के उपाधीक्षक, पीएचसी प्रभारी के विरूद्ध प्रपत्र-क में आरोप गठित करते हुए विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया जाएगा। जबकि ऐसे स्वास्थ्य संस्थानों के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं प्रखंड लेखापाल का संविदा समाप्त करने के लिए जिला पदाधिकारी सह जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष को अनुशंसा भेज दी जाएगी।