सदर-ए-आलम गौहर को साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार मिलने पर साहित्यकारों में हर्ष
मधुबनी। जिले के पुरसौलिया गांव में 20 दिसंबर 1961 को जन्म लिए मैथिली के चर्चित कवि व अनुवादक सदर-ए-आ
मधुबनी। जिले के पुरसौलिया गांव में 20 दिसंबर 1961 को जन्म लिए मैथिली के चर्चित कवि व अनुवादक सदर-ए-आलम गौहर को वर्ष 2018 के लिए मैथिली भाषा साहित्य के क्षेत्र में दिया जानेवाला साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार दिए जाने से अनुमंडल क्षेत्र के साहित्यकारों में काफी खुशी है। यह जानकारी साहित्य अकादमी में मैथिली के संयोजक डॉ. प्रेम मोहन मिश्र एवं डॉ. अशोक अविचल ने संयुक्त रूप से दी है। प्रसन्नता जाहिर करते हुए साहित्यकार डॉ. संजीव शमा ने कहा कि उर्दू के प्रख्यात शायर व गीतकार निदा फा•ाली लिखित उर्दू कविता संग्रह खोया हुआ सा कुछ का कवि शायर सदरे आलम गौहर ने हेरायल जकां किछु शीर्षक से मैथिली भाषा में अनुवाद किया है जो ़काबिले तारीफ है। फा•ाली ने अपनी कविता संग्रह में जहां मानवीय संवेदना का आकलन बड़े सहज ढंग से किया है। वहीं दूसरी तरफ इनके रचनाओं में प्राकृतिक सौंदर्य भी झलकता है। कवि गौहर ने एक दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना एवं अनुवाद की है। श्री गौहर मूलरूप से मानवतावादी कवि के रूप में विख्यात हैं। वे पिछले 35 वर्षों से कविता लेखन के अलावा अनुवाद को अपने जीवनयापन का साधन बनाने में सफल हुए हैं। इन्होंने अन्य भाषाओं के साहित्य को मैथिली में अनुवाद कर कीíतमान स्थापित किया है। संप्रति श्री गौहर एस एम जे कॉलेज खाजेडीह में उर्दू विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं साथ ही अपने गांव पुरसौलिया में रहकर साहित्य सेवा में सृजनरत हैं। मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार की घोषणा से क्षेत्र के कवि व साहित्यकारों में डॉ. संजीव शमा, जगदीश प्रसाद मण्डल, डॉ शिव कुमार प्रसाद, अमरकांत लाल, कुमार साहब, अनिल ठाकुर, मलयनाथ मण्डन, डॉ सुरेश पासवान, शिव कुमार मिश्र, नारायण झा,उमेश मण्डल, बीरेंद्र नारायण झा, कपिलेश्वर राउत, लक्ष्मी दास, डॉ. दीपक कुमार ¨सह के अलावा साहित्यप्रेमियों में अंजना शमा, अजय कुमार दास, कुमकुम झा, काशीनाथ झा किरण, डॉ कन्हैया झा आदि ने शुभकामनाएं व बधाई दी है ।