अभी निर्माण कार्य में धन बना रोड़ा, कारोबार में मंदी
मधुबनी। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक भवन निर्माण सामग्री की कमी नहीं होने के बाद भी अभी इसके खरीदारों की कमी बनी है।
मधुबनी। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक भवन निर्माण सामग्री की कमी नहीं होने के बाद भी अभी इसके खरीदारों की कमी बनी है। इसके लिए मुख्य रूप से धन की कमी, कृषि कार्य और त्यौहार का मौसम होना माना जा रहा है। वर्तमान में निर्माण कार्य में मंदी खेतों में लगी फसल के कारण भी है। किसान फसल की कटनी होने से उसकी बिक्री से आने वाली राशि से निर्माण कार्य शुरू करेंगे। इधर, एक माह तक मलमास होने के कारण अधिकांश लोग निर्माण कार्य नहीं कर सके। वहीं, अनलॉक में बारिश का मौसम होने से निर्माण कार्य ठप रहा। आमतौर पर बारिश के मौसम में अधिकतर लोग निर्माण कार्य शुरू नहीं करते हैं। क्योंकि, बारिश में निर्माण कार्य को नुकसान होने की आशंका रहती है। हालांकि, अब बारिश का मौसम भी समाप्त हो चुका है। दुर्गा पूजा के बाद और दीपावली तक निर्माण क्षेत्र में तेजी की की उम्मीद की जा रही है। फिर छठ के बाद इसमें और तेजी आने की गुंजाइश है। यह बात अलग है कि सरकारी स्तर पर चल रहे निर्माण कार्य का प्रभाव स्थानीय कारोबार पड़ कम होता है। क्योंकि, सरकारी स्तर पर होने वाले निर्माण कार्य के लिए बड़े पैमाने पर निर्माण सामग्री स्थानीय बाजार से नहीं खरीदे जाते हैं।
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भवन निर्माण सामग्री के कारोबारियों को उठाना पड़ा बड़ा नुकसान :
लॉकडाउन के तीन माह के दौरान मांग ठप होने से भवन निर्माण सामग्री के कारोबार संतुलन बिगड़ने से इसके कारोबारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। बालू, सीमेंट, ईंट, लोहा, छड़ आदि सामग्री की मांग वर्तमान में कम होने से इसके कीमत में भी मामूली गिरावट बनी है। शहर के किशोरी लाल चौक स्थित भवन निर्माण सामग्री विक्रेता मेसर्स मुकुंद लाल साह के संचालक परशुराम प्रसाद ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बारिश का मौसम होने से बड़ी संख्या में सीमेंट खराब हो जाने का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा प्रतिष्ठान के कर्मियों के वेतन का भुगतान उठाना पड़ा है। लॉकडाउन में भवन निर्माण ठप रहने से कारोबार पर बड़ा असर पड़ा है। लॉकडाउन से पहले भवन निर्माण सामग्री में अचानक तेजी आ गई थी। सामग्री आपूर्ति की समस्या के चलते उछाल आया था। इस कारण भवन निर्माण का बजट गड़बड़ा गया। मगर, अनलॉक के बाद भवन निर्माण सामग्री की कीमत में कमी आने के बाद भी खरीदारों की संख्या में अभी इजाफा नहीं हो रहा है। इधर, पिछले तीन महीने की तुलना में बालू, गिट्टी और ईंट के मूल्यों कमी आई है।
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निर्माण कार्य के आधार पर सामग्री में तेजी-मंदी का असर :
किसी भी भवन के निर्माण के लिए ईंट, लोहा, सीमेंट, पत्थर, लकड़ी आदि की जरूरत होती है। निर्माण कार्य के आधार पर निर्माण सामग्री में तेजी या मंदी का असर होता है। लॉकडाउन में निर्माण कार्य पर एकाएक ब्रेक लग गया। अनलॉक में सरकारी योजनाओं की धीमी गति से भी भवन निर्माण कारोबार प्रभावित हो रहा है। बेघर लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए जिले में हजारों लाभुकों के अनुदान राशि का भुगतान लंबित होने का असर भी इसके कारोबार पर पड़ रहा है। मधुबनी शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के करीब चार हजार लाभुकों का अनुदान राशि का भुगतान दो वर्षो से लंबित है। लंबित अनुदान राशि का भुगतान होने से इस कारोबार में थोड़ी-बहुत तेजी आ सकती है।
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'किसी भी स्तर पर निर्माण कार्य शुरू होने से निर्माण सामग्री कारोबार में मंदी के दौर से राहत मिलेगी। गैर सरकारी स्तर पर निर्माण कार्य शुरू नहीं होने में धन की कमी सामने आ रही है। लोगों की आमदनी में इजाफा से ही निर्माण कार्य कारोबार पूरी तरह पटरी पर आएगा।'
- दिनेश कुमार, कारोबारी, भवन निर्माण सामग्री