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फुलपरास थानाध्यक्ष के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए डीएम से अनुशंसा

मधुबनी। अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी फुलपरास ने जिला पदाधिकारी से लोक प्राधिकार सह थानाध्यक्ष फुलपरास के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 11:33 PM (IST)Updated: Mon, 05 Aug 2019 06:37 AM (IST)
फुलपरास थानाध्यक्ष के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए डीएम से अनुशंसा
फुलपरास थानाध्यक्ष के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए डीएम से अनुशंसा

मधुबनी। अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, फुलपरास ने जिला पदाधिकारी से लोक प्राधिकार सह थानाध्यक्ष, फुलपरास के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत दायर परिवादों के निवारण में अभिरुचि नहीं लेने तथा सुनवाई में अनुपस्थित रहने के मामले में उक्त अनुशंसा की गई है। कई परिवादों में करीब नौ माह से एक साल तक की अवधि बीत जाने के बाद भी प्रतिवेदन समर्पित नहीं करने के मामले में भी उक्त अनुशंसा की गई है। लोक प्राधिकार सह थानाध्यक्ष, फुलपरास के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई हेतु भेजे गए अनुशंसा पत्र में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने उल्लेख किया है कि लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त परिवादों पर आवश्यक कार्रवाई करते हुए लोक प्राधिकार थानाध्यक्ष, फुलपरास द्वारा समय पर प्रतिवेदन नहीं दिया जा रहा है। कुल 20 ऐसे परिवाद हैं जो निर्धारित अवधि 60 कार्य दिवसों के बाद भी लंबित है। कई परिवाद तो ऐसे हैं जो करीब एक साल से लंबित है। लोक प्राधिकार थानाध्यक्ष फुलपरास स्वयं कभी भी सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं होते हैं। कभी-कभी उनके प्रतिनिधि जो उपस्थित होते हैं, वे प्रतिवेदन समर्पित नहीं कर केवल समय की मांग करते हैं। इस संबंध में लोक प्राधिकार थानाध्यक्ष फुलपरास से तीन बार स्पष्टीकरण भी पूछा गया था, लेकिन इसका कोई जवाब भी समर्पित नहीं किया गया। डीएम को भेजे गए अनुशंसा पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि विभिन्न तीन पत्रांकों के तहत अलग-अलग तिथियों को निर्गत पत्रों के माध्यम से लोक प्राधिकार सह थानाध्यक्ष, पुलपरास के क्रियाकलापों के संबंध में प्रतिवेदित किया गया था। लेकिन, लोक प्राधिकार थानाध्यक्ष, फुलपरास द्वारा अभी भी बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के प्रति संवेदनशील नहीं हैं। 02 अगस्त 2019 को भी थानाध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि न तो सुनवाई में उपस्थित हुए और ना ही कोई प्रतिवेदन भेजे हैं। इस पत्र में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी फुलपरास ने उल्लेख किया है कि इससे पूर्व भी फुलपरास थानाध्यक्ष के विरूद्ध प्रतिवेदित किया जा चुका है।

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