देश के विकास में जनसंख्या महत्वपूर्ण कारक
किसी भी घर या देश का विकास उसकी जनसंख्या पर निर्भर होता है। अनियंत्रित ढ़ग से बढ़ती जनसंख्या गरीबी, बेरोजगारी व सामाजिक असंतुलन की खाई का चौड़ी कर रही है।
मधुबनी। किसी भी घर या देश का विकास उसकी जनसंख्या पर निर्भर होता है। अनियंत्रित ढ़ग से बढ़ती जनसंख्या गरीबी, बेरोजगारी व सामाजिक असंतुलन की खाई का चौड़ी कर रही है। मधुबनी जिले की आबादी करीब 45 लाख के करीब पहुंच जाने के कारण जिले में बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है। छोटा परिवार सुख का आधार माना जाता रहा है। वैसे तो समय के साथ आज के युवा जनसंख्या नियंत्रण को तरजीह देते हुए छोटा परिवार की कसौटी पर खड़ा उतरने की पूरी कोशिश कर रहे है। बहरहाल एक-दो संतान की परंपरा को बल मिलने लगा है। शहर ही नही जिले में बड़ी संख्या में 40 वर्ष से कम उम्र के महिला-पुरूष एक या दो बच्चें को बेहतर मानते हुए तीसरे बच्चें की उम्मीद छोड़ दिया है। आज यानी 11 जुलाई को पूरी दुनिया में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। बच्चों की संख्या बढ़ने से आवास की विकट समस्या जिले के कई परिवारों के सदस्यों ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि उनके घर में सदस्यों की संख्या बढ़ने के साथ आय सीमित रहने से कई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ आवास की समस्या भी विकट बन गई है। ऐसे परिवार के बच्चों की समुचित शिक्षा के साथ-साथ भोजन, कपड़े सहित अन्य समस्या सामने आ रही है। जनसंख्या में तेजी से इजाफा वैसे तो भारत सहित विभिन्न देशों में हरेक क्षेत्रों में विकास की गति तेजी से बढ़ी है। इसके साथ ही जनसंख्या में तेजी से इजाफा भारत सहित विश्व के अधिकांश देश को मुश्किल में डाल रखा है। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर निबंध लेखन, सेमिनार सहित अन्य कार्यक्रम चलाए जाने के बाद भी जनसंख्या में लगातार वृद्धि पर अंकुश नही लग पा रहा है। 1989 में यूएन ने 11 जुलाई जनसंख्या दिवस मनाने का किया फैसला
पहली बार 11 जुलाई 1989 में यूएन की गवर्निंग काउंसिल ने 11 जुलाई को दुनिया में जनसंख्या दिवस मनाने का फैसला किया। विश्व जनसंख्या दिवस वर्ष 1987 से मनाया जा रहा है। 11 जुलाई 1987 में विश्व की जनसंख्या 5 अरब को पार कर गई थी। तब संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या वृद्धि को लेकर दुनिया भर में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय लिया। भारत सहित दुनिया भर के देश अपनी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरूकता को बल दे रहा हैं। भारत जनसंख्या वृद्धि में विश्व के कई देशों से बहुत आगे पहुंच गई है। बढ़ती जनसंख्या भारत के लिए ¨चता का विषय बना है। जनसंख्या नियंत्रण में हरेक नागरिक के सहयोग की जरूरत है।
- प्रभाष झा जनसंख्या वृद्धि एक विकराल समस्या है। वर्ष 1951 में भारत की आबादी करीब 36 करोड़ थी अब देश की आबादी करीब 127 करोड़ पर पहुंच गई है। वर्ष 2050 तक विश्व की आबादी 9.8 अरब हो जाएगी।
- अपर्णा राय