बंद पड़े साधारण चापाकलों को स्पेशल चापाकल में बदलकर किया जाएगा चालू
मधुबनी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी भू-जल स्तर के गिरने से उत्पन्न पेयजल संकट को दूर करने के लिए नई तरकीब अपनाने का निर्णय लिया गया है। लिहाजा अब भू-जल स्तर गिरने से साधारण चापाकलों के दम तोड़ने से भी पेयजल संकट की समस्या उत्पन्न नहीं होगी।
मधुबनी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी भू-जल स्तर के गिरने से उत्पन्न पेयजल संकट को दूर करने के लिए नई तरकीब अपनाने का निर्णय लिया गया है। लिहाजा, अब भू-जल स्तर गिरने से साधारण चापाकलों के दम तोड़ने से भी पेयजल संकट की समस्या उत्पन्न नहीं होगी। वैसे साधारण चापाकल जो ग्राम पंचायतों द्वारा लगाया गया है और भू-जल स्तर गिरने से पानी देना बंद कर दिया है, उसे स्पेशल चापाकल में परिवर्तित कर दिया जाएगा। यह कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा अपने पंचायत निधि से कराया जाएगा। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल स्तर गिरने से उत्पन्न होने वाली पेयजल संकट पर काबू पाया जा सके। उक्त कार्य के लिए पंचायती राज विभाग ने हरी झंडी दिखा दी है। इसके लिए ग्राम पंचायतों को मॉडल प्राक्कलन भी भेजा जा रहा है। मॉडल प्राक्कलन के अनुसार एक साधारण चापाकल को विशेष चापाकल में बदलने पर 9,190 रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है।
दरअसल भू-जल स्तर के गिरने से ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न पेयजल संकट को दूर करने के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा निर्मित साधारण चापाकलों को स्पेशल चापाकल में परिवर्तित करते हुए पेयजल समस्या को दूर करने हेतु लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव ने पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा से अनुरोध किया था। इसी आलोक में पंचायत राज विभाग के प्रधान सचिव ने डीएम, डीडीसी व जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पत्र भेजकर उक्त व्यवस्था ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराने का अनुरोध किया है। ग्राम पंचायतों द्वारा निर्मित साधारण चापाकलों को विशेष चापाकल में परिवर्तित करने के लिए ग्राम पंचायतों को निर्देश देने का भी अनुरोध विभाग ने किया है। ताकि इस कार्य में ग्राम पंचायतों द्वारा रुचि ली जा सके।