खोपा एपीएचसी से नहीं मिल रहा लोगों को लाभ
ाोघरडीहा पीएचसी के अधीन खोपा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं होता है मरीजों का इलाज।
मधुबनी। घोघरडीहा पीएचसी के अधीन खोपा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं होता है मरीजों का इलाज। खोपा एपीएचसी बंद रहने से उक्त एपीएचसी से जुड़े आधे दर्जन गांव के गरीब लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे इलाज कराने की मजबूरी बनी हुई है। एपीएचसी एक निजी भाड़े के मकान में चलता है। ग्रामीणों ने बताया कि महीना में कभी कभार ही ताला खुलता है। जिससे आसपास खोपा,बेलमोहन,जानकीनगर,एकहारा सहित आधा दर्जन गावों के लोगों को सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए या तो 12 किमी दूर घोघरडीहा पीएचसी जाना पड़ता है या फिर खोपा चौक स्थित झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराना पड़ता है। स्थानीय निवासी सह पूर्व सरपंच सुमन मिश्र, शिक्षक रमन जी पासवान, वार्ड सदस्य सनातन पासवान, विनोद साह आदि ने बन्द पड़े एपीएचसी को चालू कर लोगों को सुविधा मुहैया कराने का मांग की है। कहा कि यदि जल्द एपीएचसी चालू नहीं किया गया तो मजबूर होकर हमलोगों का आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
गौरतलब हो कि प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति काफी दयनीय है। यही कारण है कि दिन प्रतिदिन कुकुरमुत्ते की तरह जहां तहां प्राइवेट नर्सिंग होम खुल रहे हैं। नर्सिंग होम संचालक, आशा दीदी एवं पीएचसी के कथित डॉक्टरों की मिलीभगत से प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट नर्सिंग होम में भेज दिया जाता है, जहां उसका आर्थिक शोषण किया जाता है।
इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कपिलेश्वर साह ने बताया कि पूर्व में खोपा एपीएचसी में एक आयुष चिकित्सक एवं एक एएनएम को प्रतिनियुक्त किया गया था लेकिन पीएचसी में चिकित्सकों की कमी के कारण उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही डयूटी पर लगाया गया है। वही एएनएम टीकाकरण के बाद पीएचसी प्रसव कक्ष में तैनात है। खोपा के लिए शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था का काम होगा।