Move to Jagran APP

पसीना बहाते सफाई कर्मी, मलाई काटते बिचौलिया

मधुबनी। नगर निगम क्षेत्र में गंदगी की सफाई कार्य बिचौलियों के आमदनी का बेहतर जरिया बन गया ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 11:33 PM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 11:33 PM (IST)
पसीना बहाते सफाई कर्मी, मलाई काटते बिचौलिया
पसीना बहाते सफाई कर्मी, मलाई काटते बिचौलिया

मधुबनी। नगर निगम क्षेत्र में गंदगी की सफाई कार्य बिचौलियों के आमदनी का बेहतर जरिया बन गया है। जिसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जाहिर है कि नगर निगम में सफाई कार्य में बिचौलिया संस्कृति को हावी होने से शहर की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है। शहर में पिछले तीन दिनों से गंदगी की सफाई कार्य बाधित रहने के बाद रविवार को मौसम ठीक होने पर भी गंदगी की सफाई नहीं की गई। जिससे शहर के विभिन्न हिस्सों में गंदगी का ढेर बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है। इधर, शहर के कुछ हिस्सों में के केनालों से निकाली गई गंदगी सड़क पर छोड़ देने से शहर पूरी तरह नरक में तब्दील हो गया है।

loksabha election banner

दाने-दाने को मोहताज दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मी

सफाई कर्मी को मिलने वाला ईपीएफ का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों दाने-दाने को मोहताज है। वहीं 250 रुपये प्रतिदिन मजदूरी पर काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि प्रतिवर्ष नगर निगम द्वारा समय-समय पर दैनिक वेतन भोगी कर्मियों से सफाई कार्य लिया जाता है। वर्तमान में भी फरवरी 2021 से नगर निगम दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों से सफाई कार्य लिया जा रहा है। मगर, इन सफाई कर्मियों का इसी ईपीएफ का कोई कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। जबकि इपीएफ का लाभ के लिए विभागीय स्तर पर लगातार निर्देश दिया जाता है। मालूम हो कि ईपीएफ लाभ को लेकर नगर निगम के एक सफाई एजेंसी के करीब 13 लाख रुपये का भुगतान नगर निगम द्वारा दो साल से रोक रखा था। मगर, इस बीच आनन-फानन में सफाई एजेंसी के बकाए राशि का भुगतान कर दिया गया।

मई में केवल 19 दिन हुआ शहर की सफाई

सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिनेश राम ने बताया कि दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों को ईपीएफ का लाभ की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। वहीं सफाई कर्मियों से काम तो लिया जाता है लेकिन ड्रेस नहीं दिया जा रहा है। बरसात के दिनों में रेन कोट नहीं दिया जाता है। जिससे बारिश के मौसम में सफाई कर्मियों भींगकर सफाई कार्य करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों द्वारा मई में मात्र 19 दिन कार्य किया गया। शेष 11 दिन सफाई कार्य नहीं हो सका है। मालूम हो कि दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों से एक से पांच मई तक कार्य लिया गया। छह से 12 मई तक काम बंद रहा। 13 मई से काम चालू रहा। 21 को बारिश के कारण काम बंद रहा। 22 से चालू 27 तक कार्य हुआ। 28 से 30 मई तक कार्य बंद रहा। इस महीने में किसी रविवार को काम नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि इपीएफ, रेनकोट, ट्रेस सहित अन्य मांगों को लेकर दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों ने आज 31 मई से सफाई कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है। वहीं नगर आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों के इपीएफ संबंधी जानकारी लेकर विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में कार्य किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.