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निरीक्षण में बंद मिले अधिकतर स्वास्थ्य केंद्र

मधुबनी। हाल में ही चमकी बुखार को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग की काफी भद पिटी थी। मगर फिर भी सरकार और स्वास्थ्य विभाग बदलने को तैयार नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 11:35 PM (IST)
निरीक्षण में बंद मिले अधिकतर स्वास्थ्य केंद्र

मधुबनी। हाल में ही चमकी बुखार को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग की काफी भद पिटी थी। मगर, फिर भी सरकार और स्वास्थ्य विभाग बदलने को तैयार नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवा बदहाल है। उप स्वास्थ्य केंद्र सह मातृत्व केंद्रों की हालत बयां करने लायक नही है। चिकित्सा प्रभारी उमेश राय ने सोमवार को प्रखंड के कई प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण में एक केंद्र को छोड़कर हर केंद्र पर एएनएम गैरहाजिर थी। वहीं केंद्र बंद मिले। डॉ. राय ने इन सभी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को लिखित शिकायत करने की बात कही। जांच टीम में स्वास्थ्य कर्मी किशोर कुमार झा और धर्मेंद्र कुमार भी शामिल थे।

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सबसे पहले जांच टीम करीब 10.45 में मरुकिया पहुंची। उप स्वास्थ्य केंद्र मरुकिया के निरीक्षण के समय एएनएम रामपरी सिन्हा उपस्थित थीं। केंद्र के कर्मी नरेंद्र कुमार ठाकुर अनुपस्थित थे। वे करीब चार दिनों से अनुपस्थित बताए गए। निरीक्षण के क्रम में केंद्र में साफ-सफाई ठीक थी। लेबर रूम की स्थिति भी अच्छी थी। मुख्य कार्य रजिस्टर अधूरा था। इसमें ओपीडी नंबर तो डाला गया था। मगर, आगे पूरा खाली था। बिना चिकित्सक के हस्ताक्षर के पुर्जा काटा पाया गया। डॉ. उमेश राय ने बताया कि बिना चिकित्सक के पुर्जा काटने से पिछले भुगतान की जांच में अनियमितता हो सकती है। इस मामले की जांच की जाएगी।

निरीक्षण में बाकी केंद्रों पर भी बदहाल स्थितियां नजर आईं। इस दौरान देवहार, बिठौनी, सहुरिया और गनौली सारे उप स्वास्थ्य केंद्र बंद मिले। देवहार में एएनएम बंदना कुमारी सिन्हा गायब मिलीं। ग्रामीणों ने बताया वो कभी आती ही नहीं। सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि एएनएम को ये भी नही पता की देवहार का उप स्वास्थ्य केंद्र कहां है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वहां की क्या हालत होगी।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिठौनी की बदतर स्थिति है। यहां एएनएम रेणु कुमारी गायब थीं। यहां साफ-सफाई की स्थिति बदतर थी। भवन की स्थिति जर्जर है। कुछ दरवाजे टूटे थे। भवन की ऐसी स्थिति से स्पष्ट है कि भवन निर्माण में घोर अनियमितता बरती गई है। एक कमरे में धान का बोझा रखा हुआ था। लोगों ने बताया कि एएनएम कभी-कभी ही आती हैं। इसके अलावा प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र सहुरिया और गनौली के निरीक्षण के क्रम में एएनएम गैरहाजिर और दोनों केंद्र भी बंद पाया गया।


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