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वाहन परिचालन के समय मोबाइल-हेडफोन का प्रयोग होता जानलेवा

पैदल या फिर बाइक से निकले किसी के परिजनों पर उस समय विपदा का पहाड़ टूट पड़ता है जब उन्हें यह सूचना मिलती है कि दुर्घटना का शिकार हो गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 11:48 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 11:48 PM (IST)
वाहन परिचालन के समय मोबाइल-हेडफोन का प्रयोग होता जानलेवा
वाहन परिचालन के समय मोबाइल-हेडफोन का प्रयोग होता जानलेवा

मधुबनी। पैदल या फिर बाइक से निकले किसी के परिजनों पर उस समय विपदा का पहाड़ टूट पड़ता है जब उन्हें यह सूचना मिलती है कि दुर्घटना का शिकार हो गया। इस तरह की दुर्घटना के पीछे यातायात नियमों की उपेक्षा की बाते सामने आते है। बाइक सहित अन्य वाहनों के चालकों द्वारा नियमों की अनदेखी किसी के घर की खुशियां छीन लेता है। सड़क पर वाहन परिचालन के समय नियमों का पालन करना चालक भूलने लगते हैं और इस तरह एक हादसे का जन्म होता है जो सिर्फ पीड़ा ही पहुंचाती है। हेडफोन लगाकर सड़कों पर घूमना, रेलवे ट्रैक पार करना बना फैशन आमतौर पर वाहन चलाते समय चालकों का ध्यान सड़क पर होना चाहिए। ऐसे समय में चालक को मोबाइल, हेडफोन के प्रयोग से पूरी तरह बचना चाहिए। देखा जाता हैं कि लोग वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते हैं या फिर हेडफोन से संगीत का आनंद उठाते हैं। जो खतरनाक साबित हो सकता है। वहीं लोग चार पहिए वाहन में तेज आवाज के साथ संगीत सुनते देखे जाते हैं। जाहिर हैं कि संगीत की तेज आवाज के कारण पीछे वाले वाहन के हॉर्न की आवाज दब जाती हैं। जिससे दुर्घटना का सामना करना पड़ता है।

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वहीं सड़क पर चलते समय खासकर युवा वर्ग हेडफोन का प्रयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें जान से भी हाथ धोना पड़ता हैं। हेडफोन लगाकर सड़कों पर घूमना, रेलवे ट्रैक पार करना फैशन बन गया है। यातायात नियमों के उल्लंघन का बढ़ता ही जा रहा दायरा

बाइक परिचालन या फिर सड़क पार करते समय मोबाइल, हेडफोन का प्रयोग खतरनाक साबित होने के बाद भी इस आदत से परहेज करने के प्रति युवाओं में उदासीनता देखी जाती है। वाहन परिचालन संबंधी कम जानकारी और यातायात नियमों की उपेक्षा चालकों के लिए जानलेवा साबित होता है। तेज गति दुर्घटनाओं का मुख्य कारण माना जा रहा है। बाइक परिचालन के समय हेलमेट की उपेक्षा जैसी समस्या आम बात बनी है। बगैर हेलमेट बाइक की तेज रफ्तार चालक की ¨जदगी लील जाता है। बाइक सहित अन्य वाहन चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना का मुख्य कारण यह रहा है कि शहरी क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह लचर साबित हो रहा है। ट्रैफिक पोस्ट व ट्रैफिक लाइट की कमी के कारण यातायात नियमों का उल्लंघन का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। चालकों की सजगता से रोकी जा सकती दुर्घटना कुहासा के समय वाहन चालन के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत होती है। वरना 'सावधानी हटी दुर्घटना घटी' से जूझना पड़ सकता है। चालकों को वाहन परिचालन से पूर्व वाहनों के फिटनेस की जांच कर लेना चाहिए। चालकों की सजगता से भी दुर्घटना की संख्या में कमी आ सकती है और किसी हादसा से बचाया जा सकता है। चालकों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। सड़कों पर दौडऩे वाले भाड़े के वाहनों में क्षमता से अधिक व वाहनों के छतों पर यात्रियों को बिठाने, गति सीमा का उल्लंघन से परहेज करना चाहिए। वाहनों में फॉग लाइट, हेड लाइट, ब्रेक लाइट, पार्किंग लाइट, कलर रिफ्लेक्टर टेप की जांच करते रहना चाहिए। ------------------- हमेशा बाएं से अपनी लेन में ही गाड़ी चलाएं। एनएच 57 स्थित राजे व आसनपुर के निकट कंट्रोल रूम पर एम्बुलेंस, क्रेन व पेट्रो¨लग वाहन की सुविधा बहाल की गई है। कंट्रोल रूम के मोबाइल नं. 8298419419 या एम्बुलेंस के चिकित्सक मोबाइल नं. 7808888552 पर सूचना दे सकते हैं।

- संजय झा, एडमिन एनएच 57 बाइक, साइकिल पर गैस सिलेंडर सहित अधिक भार बड़े आकार का सामान लादने से परहेज करें। वाहन चलाने का कार्य केवल जिम्मेदार चालक ही करें। बच्चों को वाहन न चलाने दें। राजमार्ग पार करते समय बाईं एवं दाईं दोनों दिशा देखकर कर ही आगे बढ़ें। बाइक चलाने के समय हेलमेट का प्रयोग करें।

- पवन कुमार झा, समाजसेवी यातायात नियमों के लिए शहर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा के द्वारा चालकों की निगरानी व्यवस्था बहाल होना चाहिए। ट्रैफिक पोस्टों पर पुलिस की तैनाती होनी चाहिए। ताकि चालकों की मनमानी रोका जा सके। बीमार वाहनों का परिचालन से परहेज तथा वाहनों का फिटनेस की उपेक्षा से बचना चाहिए।

- सुधांशु कुमार, युवा यातायात नियमों के पालन के लिए जिला परिवहन विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। इसके लिए समय-समय पर चे¨कग अभियान के अलावा यातायात नियमों की जानकारी के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाता रहा है। वाहनों को पूरी तरह से बंद किए जाने पर ही चालक को सीट से उतरना चाहिए।

- सुजीत कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी

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