बालिका गृह संचालन में कई खामियां
सूबे की समाज कल्याण विभाग की पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने गुरुवार को जिला अतिथि गृह में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि उन्होंने बालिका गृह, मधुबनी में व्याप्त कतिपय अनियमितताओं को लेकर डीएम को प्रतिवेदन सौंपा है।
मधुबनी। सूबे की समाज कल्याण विभाग की पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने गुरुवार को जिला अतिथि गृह में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि उन्होंने बालिका गृह, मधुबनी में व्याप्त कतिपय अनियमितताओं को लेकर डीएम को प्रतिवेदन सौंपा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान ज्ञात हुआ कि मधुबनी जिला स्थित बालिका गृह का संचालन सही तरीके से नहीं हो रहा है संचालन में अनेकों खामियां है7 उन्होंने कहा कि संबंधित पदाधिकारी भी इस मामले में गंभीर नहीं हैं। विगत एक वर्ष में बालिका गृह से 6 लड़कियों के गायब होने की सूचना मिली है7 लेकिन गायब हुई लड़की के बारे में न ही सार्वजानिक स्थलों पर पोस्टर चिपकाया गया और न ही समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया गया7 बालिका गृह, मधुबनी की दो लड़कियों की मौत विगत वर्ष जून और अगस्त में हुई7 मृत्यु से पूर्व क्या उसके बीमार होने की सूचना जिला बाल कल्याण समिति, बाल संरक्षण पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी को दी गई? मृत्यु के पश्चात क्या चिकित्सा पदाधिकारी, जिला बाल कल्याण समिति, बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बालिका गृह का निरीक्षण किया, क्या उन्होंने अभिलेख लिखा? यदि ऐसा हुआ है तो कब निरीक्षण किया गया और अभिलेख में क्या लिखा गया? ज्ञात हुआ कि एक लड़की लावारिस थी, तो क्या मृत्यु उपरांत उसका शव न्यूनतम 72 घंटे रख कर समाचार पत्रों के माध्यम से इस सन्दर्भ में विज्ञापन निकाला गया? बालिका गृह से बीत 11 जुलाई को एक लड़की गायब हुई है7 जिसका पता लगाने में पुलिस अब तक नाकाम रही है7 उक्त लड़की को मुजफ्फरपुर से भेजा गया था7 उक्त लड़की मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के अभियुक्तों की शिनाख्त करने वाली लड़कियों में से एक थी7 ऐसे में जिला प्रशासन एवं बालिका गृह के संचालक असंवेदनशील और अनुत्तरदायी कैसे हो सकते हैं? ज्ञात हुआ है की बाल कल्याण समिति ने बालिका गृह का कभी भी स्पॉट निरिक्षण किया ही नहीं7 जबकि महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के अधिसूचना संख्या 660 के तहत उक्त समिति को प्रत्येक महीने बालिका गृह का निरीक्षण करना होता है7 इसकी क्या वजह रही है? उन्होंने कहा कि ज्ञात हुआ है की बालिका गृह की जांच के लिए वर्तमान में सात सदस्यीय जांच कमिटी का गठन किया गया है7 क्या जांच कमिटी ने जांच रिपोर्ट डीएम को सुपुर्द कर दिया? मधुबनी बालिका गृह की जांच सीबीआई से कराने को लेकर विभिन्न राजनैतिक दल एवं सामाजिक संस्था लगातार आन्दोलनरत है7 उन्होंने कहा कि बालिका गृह के संचालन एवं निरीक्षण में भारी लापरवाही बरती गयी है एवं राजनैतिक प्रभाव के वजह से दोषी को बचाया जा रहा है7उन्होंने कहा कि इन सभी ¨बदुओं की जांच कर 7 दिन में विभिन्न माध्यम से जनता के समक्ष जिला प्रशासन अपनी बातों को रखें अन्यथा मधुबनी की जनता आन्दोलनरत होगी और इसमें वे भी शामिल होंगी। आन्दोलन में होने वाले सभी प्रकार के क्षय, श्रम, अशांति की जवाबदेही जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार की होगी7