महादलित टोला अब भी खुले में शौच जाने को मजबूर
एक तरफ जहां सरकार करोडों रुपये खर्च करके गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के प्रयास में जुटी है।
मधुबनी। एक तरफ जहां सरकार करोडों रुपये खर्च करके गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के प्रयास में जुटी है। वही प्रचार प्रसार और अधिकारियों के अनदेखी के चलते गांवों में इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। गांव के लोग शौचालय जाएं इसके लिए कई योजनाएं चल रही है। मगर परिणाम ढाक के तीन पात ही साबित हो रहा है। अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत से पैसों का बंदरबांट हो रहा है। जरूरतमंद परिवार इन सुविधा से महरूम है।
ऐसा ही एक मामला प्रखंड की जलसैन पंचायत के एक महादलित टोला में सामने आया है। जहां केवल मात्र एक शौचालय है। इस टोला में तकरीबन 100 महादलित परिवार रहते हैं। प्रखंड सूत्रों के अनुसार प्रखंड को ओडीएफ घोषित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके उलट इस महादलित टोले के अब भी महिलाओं और लड़कियों और बच्चों सहित लोग शौच के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर हैं।
इलाके में चर्चित गीतकार व कलाकार दुर्गा नंद सदाय इसी टोले के हैं। पूछने पर उन्होंने बताया कि इस टोले में अबतक एकमात्र शौचालय उनके परिवार में है। शेष परिवार के लोग आज भी बाहर जाकर शौच करते हैं। टोले के बिलट सदाय, लालू सदाय, भिखर सदाय, बद्री सदाय, मुनेसर सदाय, गुलाम सदाय, रामफल सदाय, रामपुकार सदाय, सुमित्रा देवी, पवित्री देवी, लड्डूवती देवी आदि ने भी कबूल किया कि उनलोगों को शौच के लिए बाहर जाने की मजबूरी है। कारण पूछने पर उन लोगों ने चुप्पी साध ली । कहते हैं मुखिया - राजेश कुमार मिश्रा जलसैन पंचायत के मुखिया हैं। उनका कहना है कि अपने इस कार्यकाल में कोई परिवार शौचालय से वंचित नहीं रहेगा। कहते हैं प्रखंड विकास पदाधिकारी-
बीडीओ राजेश्वर राम ने बताया कि महादलित टोले में जागरूकता बढ़ाई जा रही है। प्रखंड को ओडीएफ घोषित करने के पहले सभी परिवारों में शौचालय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही इस टोले में भी शौचालय निर्माण शुरू किया जाएगा।