Move to Jagran APP

विश्व कीर्तिमान की दहलीज पर पहुंचा कलाकृतियों से लबरेज मधुबनी रेलवे स्टेशन

मधुबनी पेंटिग के लिए देश भर में अपनी अलग पहचान कायम करने वाला मधुबनी रेलवे स्टेशन गोल्डेन बुक ऑफ वल्ड रिका‌र्ड्स में शामिल होने की दहलीज पर पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 11:05 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 06:31 AM (IST)
विश्व कीर्तिमान की दहलीज पर पहुंचा कलाकृतियों से लबरेज मधुबनी रेलवे स्टेशन
विश्व कीर्तिमान की दहलीज पर पहुंचा कलाकृतियों से लबरेज मधुबनी रेलवे स्टेशन

मधुबनी। मधुबनी पेंटिग के लिए देश भर में अपनी अलग पहचान कायम करने वाला मधुबनी रेलवे स्टेशन 'गोल्डेन बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स' में शामिल होने की दहलीज पर पहुंच गया है। इसके आखिरी सर्वेक्षण के लिए आगामी 27 सितंबर की तिथि निर्धारित की गई है। 'गोल्डेन बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स' में मधुबनी रेलवे स्टेशन को सबसे बड़े मुक्त आकाश मिथिला आर्ट गैलरी के रुप में शामिल किया जा सकता है। इसके लिए ऐरो मार्केट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड व वामदेव योगा साइंस एंड रिसर्च सेंटर द्वारा 'गोल्डेन बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स' को आवेदन किया गया था।

loksabha election banner

ऐरो मार्केट रिसर्च प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अनिल कुमार झा तथा वामदेव योगा साइंस एंड रिसर्च सेंटर के योगाचार्य रवि व्योम शंकर झा ने बताया कि इसी आलोक में 'गोल्डेन बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स' के प्रतिनिधियों का 27 सितंबर को मधुबनी स्टेशन पर आगमन होगा। उक्त तिथि को मधुबनी रेलवे स्टेशन को 'गोल्डेन बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स' में शामिल किए जाने संबंधी प्रमाण पत्र समर्पित किया जा सकता है। कला दीर्घा में तब्दील मधुबनी का रेलवे स्टेशन पूर्व-मध्य रेल के समस्तीपुर मंडल अंतर्गत जयनगर-दरभंगा रेलखंड स्थित मधुबनी रेलवे स्टेशन अपने आप में अनोखा है। विश्व प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिग के लिए विख्यात इस भू-भाग का यह रेलवे स्टेशन यहां पहुंचने वाले यात्रियों, आम लोगों का इस विख्यात चित्रकला से बखूबी परिचय करा रहा है। इसकी दरो-दीवार को मधुबनी पेंटिग के स्थानीय कलाकारों ने इस कदर सुसज्जित कर दिया है कि यहां आगंतुकों को कला दीर्घा में होने का भान होता है। पर्यटन स्थल की तरह दिखता : मधुबनी पेटिग्स से लक-दक यह रेलवे स्टेशन अब किसी पर्यटन स्थल से कम नहीं दिखता है। रेलवे स्टेशन के संपूर्ण हिस्से में मिथिला ही नहीं भारतीय इतिहास, धर्म, दर्शन,संस्कृति को कलाकृतियों में उकेरा गया है। इनमें मिथिला के ग्रामीण परिवेश का रहन-सहन, पर्व त्योहार, सामाजिक जीवन, कृषि, धार्मिक जीवन, विद्वानों की कृतियां, पारंपिक खेल सहित अन्य लोक व्यवहारों को सामने लाया गया है। पेंटिग्स के द्वारा सामा चकेवा, जट-जटिन, झरनी जेसे लोक नृत्यों से परिचय होता है। वहीं श्रीकृष्ण का विराट रूप, रास, कलियानाग नाथने, कृष्ण जन्म, राधा कृष्ण झूलन, राजा जनक द्वारा हल जोतते समय सीता का

प्रादुर्भाव, शिव का उगना रूप धारण कर महाकवि विद्यापति की चाकरी आदि भी प्रदर्शित हैं। इतना ही नहीं इन कलाकृतियों में धानरोपाई, धान ले जाते

किसान, सामूहिक रूप से पर्व मनाते लोग सामाजिक एकता का संदेश देते प्रतीत होते हैं। वहीं छठ पर्व के मनोहारी चित्रण के अलावा पर्यावरण संरक्षण, पशु प्रेम, धोबी घाट, अपना काम करता नाई, टायर से खेलते बच्चे सहित पिट्टो, कित-कित, गोटी आदि स्थापनीय पारंपरिक खेलों का चित्रण अछ्व्रुत एहसास देता है। वहीं फुलवारी, नाचता मोर, विभिन्न प्रकार के फूल, बच्चों के जीवन से संबंधित चित्र मिथिला की संस्कृति को दर्शाते हैं। मछली रास, डोली कहार, होली, भैया दूज, सभा गाछी, वाचस्पति व भामती पर आधारित पेंटिग्स कला की गहराई का बखान कर रहे हैं। देश के सर्वाधिक गंदे स्टेशनों में शुमार से स्वच्छता, सौंदर्यीकरण में दूसरा स्थान पाने तक का सफर : मधुबनी रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का अंदाजा इस तरह लगाया जा सकता है कि वर्ष 2015 और 2016 के रेलवे की रिपोर्ट के मुताबिक इस स्टेशन की गिनती देश के सबसे गंदे स्टेशनों में की गई थी। फिर स्टेशन पर मधुबनी पेटिग बनाने की अनोखी पहल ने स्टेशन को संवार दिया। इस दिशा में 28 सितंबर 2017 को स्थानीय कलाकारों से इस कार्य में सहयोग की अपील करने का विज्ञापन निकाला गया था। 2 अक्टूबर 2017 को गांधी जयंती के अवसर पर तत्कालीन डीआरएम आरके जैन की देखरेख में स्टेशन पर पेंटिग कार्य प्रारंभ किया गया। प्रथम चरण में स्थानीय सिद्धहस्त 184 कलाकारों द्वारा महज दस

दिनों तक के दिन-रात श्रमदान से स्टेशन की सूरत बदल डाली गई थी। पौराणिक से आधुनिक विषयों के 20 थीम्स पर अछ्वुत कलाकृतियों से स्टेशन की दीवारें़ बोलने लगीं। बगैर मेहनताना कलाकारों को रेलवे ने पेंट व ब्रश मुहैया कराए। 14 अक्टूबर 2017 को हाजीपुर जोन के चीफ मैकेनिकल इंजीनियर अनिल

शर्मा, समस्तीपुर मंडल के तत्कालीन डीआरएम आरके जैन, सीसीएम विष्णु कुमार, डीएमई दिलीप कुमार, मधुबनी डीएम शीर्षत कपिल अशोक, तत्कालीन एसपी दीपक बरनवाल सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में भव्य पेंटिग क्लोजिग सेरेमनी आयोजित की गई थी। इस तरह प्रथम चरण में नौ हजार दो सौ वर्ग फुट में की गई मधुबनी पेंटिग्स बेमिसाल हो उठी। स्टेशन के शेष बचे हुए हिस्सों को पेटिग कार्य पूरा करने के लिए वर्ष 2018 में दूसरे चरण का कार्य शुरू किया गया। जिसके समापन के बाद रेलवे स्टेशन पर 7 अप्रैल 2018 को कलाकार सम्मान समारोह में सुलभ भारतीय रेल स्वच्छ मिशन के ब्रांड एंबेसडर पद्मश्री डा. बिंदेश्वर पाठक ने शिरकत की थी। श्री पाठक के हाथों मधुबनी पेंटिग के दूसरे चरण के 192 कलाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इस मौके पर डीआरएम आरके जैन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। 2018 में भारतीय रेलवे ने देशभर के उन स्टेशनों के नाम आमंत्रित किये गए, जिनका सबसे अच्छा सौंदर्यीकरण किया गया है। पूरे 11 जोन से 62 स्टेशनों के नाम आए थे। इन 62 स्टेशनों में से पहला 10 लाख रुपये का पुरस्कार महाराष्ट्र के बल्लारशाह और चंद्रपुर रेलवे स्टेशन को दिया गया। दूसरा पांच लाख रुपये का पुरस्कार पूर्व मध्य रेलवे के मधुबनी स्टेशन और दक्षिण रेलवे के मदुरै स्टेशन को दिया गया। तीसरा तीन लाख रुपये का पुरस्कार पश्चिमी रेलवे के गांधीधाम, पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा और दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद को दिया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.