लदनियां-बाबूबरही टूलेन सड़क निर्माण की गति धीमी, लोगों में आक्रोश
मधुबनी । टूलेन सड़क का दर्जा प्राप्त लदनियां-बाबूबरही सड़क के निर्माण की गति धीमी है। विगत डेढ वर्ष से इसका निर्माण चल रहा है।
मधुबनी । टूलेन सड़क का दर्जा प्राप्त लदनियां-बाबूबरही सड़क के निर्माण की गति धीमी है। विगत डेढ वर्ष से इसका निर्माण चल रहा है। लदनियां से सलखनियां होते हुए बाबूबरही तक की इस सड़क का निर्माण क्रमश: पीडब्ल्यूडी व पीएम सड़क योजना के तहत चल रहा है। दोनों एजेंसियों ने जीर्णता की स्थिति को प्राप्त इस सड़क का निर्माण अपने-अपने हिसाब से डेढ़ वर्ष पूर्व में शुरू किया, जो प्रगति पर नहीं है। गावों में कहीं-कहीं मात्र वन लेन की ढलाई कर छोड़ दिया गया है। कहीं-कहीं पुरानी सड़क को उखाड़कर छोड़ दिया गया है। मात्र वनलेन की ढलाई होने के कारण रात में दुर्घटनाएं बढ़ गई है। कई लोग गिर कर चोटिल हो चुके हैं। कई अपनी हड्डियां तुडवा चुके हैं। नोनदरही समेत कई गावों में सड़क पर हुई खुदाई के कारण नल-जल योजना से मिलने वाले शुद्ध पेयजल के लाभ से लोग वंचित हैं।
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लिक सड़कों की भी हालत खराब :
इधर, विभिन्न योजनाओं से पूर्व में बनी प्रमुख लिक सड़कों की भी स्थिति बदतर है। इन सड़कों में बेलाही-पिपराही, पथराही- नवटोली, नोनदरही-कविलासा, झलोन- सनपतहा, कामेपट्टी-सोनमती, पथराही वाया गजहरा-टेघड़ा आदि सड़कें शामिल हैं। सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं रह गई है। ये सड़कें टूटकर गड्ढे में तब्दील हो गई हैं। अपनी पहचान खो चुकी ये सड़कें कई वर्षों से मरम्मत की बाट जोह रही है। थाना से चोर बाजार तक की सीमावर्ती सड़क भी बारिश की भेंट चढ़ चुकी हैं। खोजा से भूतहा की सड़क को खरंजा तक नसीब नहीं हो सका है। ये सड़कें चलने लायक नहीं रही हैं। लोग इन्हीं सड़कों से चलने को मजबूर हैं। शिलान्यास के बाद भी लगभग एक दर्जन ग्रामीण सड़कों का निर्माण लंबित है। योजनाओं को पूर्ण करने की निर्धारित समय सीमा समाप्त हो चुकी है। सड़कों की इन समस्याओं को लेकर लोजपा नेता विष्णुदेव भंडारी ने सभी संबंधित विभागों के वरीय पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया है।