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    Mukesh Sahani: झंझारपुर से कौन होगा 'VIP' उम्मीदवार? चौंका सकता है मुकेश सहनी का ये फैसला

    Updated: Mon, 08 Apr 2024 02:44 PM (IST)

    झंझारपुर लोकसभा सीट पर जल्द ही वीआइपी के कैंडिडेट की घोषणा हो जाएगी। इस सीट पर मुकेश सहनी का फैसला हर किसी को चौंका सकता है। कार्यकर्ता तो यही चाहते हैं कि खुद मुकेश सहनी इस सीट से चुनाव लड़ें। हालांकि वीआइपी इस बार एक महिला प्रत्याशी पर दांव खेल सकता है। बिंदु गुलाब यादव झंझारपुर से वीआइपी की उम्मीदवार हो सकती हैं।

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    झंझारपुर से कौन होगा 'VIP' उम्मीदवार? चौंका सकता है मुकेश सहनी का ये फैसला (फाइल फोटो)

    ब्रज मोहन मिश्र, मधुबनी। महागठबंधन में झंझारपुर सीट को लेकर शुरू से ही सस्पेंस रहा है। पहले राजद ने इस सीट को खुद के पास में रखा। मगर प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई। राजद से लेकर जदयू और भाजपा तक के नेता राजद से टिकट के लिए जोर आजमाइश करने लगे।

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    हालांकि, शुक्रवार को यह सीट वीआइपी को दे दी गई। वीआइपी किसे अपना उम्मीदवार बनाती है यह सस्पेंस बरकार है। वहीं, एक नया नाम उम्मीदवारों की रेस में सामने आया है जो सबको चौंका सकता है। वह महिला उम्मीदवार है।

    चर्चा में बिंदु गुलाब यादव का नाम

    सियासी गलियारों में चर्चा है कि राजद के पूर्व प्रत्याशी व पूर्व विधायक गुलाब यादव की बेटी जिला परिषद अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव झंझारपुर से वीआइपी की उम्मीदवार हो सकती हैं। हालांकि, गुलाब यादव ने फिलहाल इसे पुष्ट नहीं किया है।

    केवल इतना कहा है कि एक-दो दिन इंतजार करें। दूसरी ओर, पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि मुकेश सहनी खुद यहां से लड़ लें। यदि ऐसा नहीं हो तो वीआइपी का ही कोई पुराना साथी लड़े। इस लाइन में वीआइपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव मिश्रा का नाम सामने आ रहा है।

    क्या राजद का होगा उम्मीदवार?

    राजीव मिश्रा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के रिश्तेदार हैं। एक कयास यह भी है कि टिकट वीआइपी का होगा और उम्मीदवार राजद के भीतर से दिया जाएगा। जिसमें प्रशांत मंडल का नाम शामिल है। वहीं, भाजपा के जिस पूर्व एमएलसी के नाम की चर्चा हो रही थी उसे लेकर तेजस्वी यादव को एतराज है।

    टिकट की रेस से जदयू के नेता भी बाहर हो गए हैं। देवेंद्र यादव ने तो टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी जताते हुए लालू यादव को पत्र ही लिख डाला।

    दूसरी ओर, जबसे यह सीट वीआइपी को गई है तब से निषाद समाज के वोट प्रतिशत की चर्चा तेज हो गई है। किसी का कहना है कि एक लाख वोट निषाद समाज का है तो किसी का कहना है कि 1.75 लाख है। कोई कैवट को भी निषाद समाज से जोड़ रहा है।

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