मधुमेह पीड़ितों में महिला-पुरुष, युवाओं की बढ़ती संख्या चिताजनक
मधुबनी। खान-पान व असंतुलित जीवन से रोगों का प्रकार व प्रकोप बढ़ता जा रहा है। एक दशक पूर्व तक कम लोगों में पाए जाने वाला मधुमेह का विस्तार भी तेजी से हुआ है।
मधुबनी। खान-पान व असंतुलित जीवन से रोगों का प्रकार व प्रकोप बढ़ता जा रहा है। एक दशक पूर्व तक कम लोगों में पाए जाने वाला मधुमेह का विस्तार भी तेजी से हुआ है। बड़ी संख्या में इसके पीड़ितों सामने आ रहे हैं। मधुमेह पीड़ितों में बुजुर्ग महिला-पुरुष के अलावा युवा की संख्या भी बढ़ती जा रही है। 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस पर सदर अस्पताल में आज मधुमेह जांच शिविर आयोजित की जाएगी। यह पखवाड़ा अनुमंडलीय रेफरल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चलेगी। समय-समय पर मधुमेह संबंधी जांच जरूरी मधुमेह से बचाव के लिए खान-पान के साथ जीवन शैली में बदलाव लाया जाना आवश्यक माना गया है। व्यस्तता के कारण ससमय नाश्ता-भोजन की उपेक्षा, धूम्रपान, तनाव जैसे आदतों से मधुमेह की शिकायत बढ़ने लगती है। तनावमुक्त माहौल में कार्यों का संपादन इस रोग से बचाव में कारगर हो सकता है। समय-समय पर मधुमेह की जांच जरूरी होता है। जिले में एक लाख से अधिक मधुमेह रोगी करीब 45 लाख आबादी वाले जिले में मधुमेह रोगियों की संख्या में इजाफा काफी चिताजनक माना जा सकता है। जिले में एक लाख से अधिक मधुमेह के रोगी बताए गए हैं। सदर अस्पताल में मधुमेह की जांच की व्यवस्था बहाल की गई है। सिविल सर्जन मिथिलेश मिश्र ने बताया कि अस्पताल में मधुमेह रोगी की जांच के लिए किट सहित अन्य दवाएं मौजूद है। ऐसे रोगियों का खाली पेट फिर नाश्ता बाद खून व पेशाब की जांच पर मधुमेह की स्थिति की रिपोर्ट दी जाती है। मधुमेह के शुरुआती लक्षणों की पहचान के साथ उसके निदान व इलाज का प्रयास हो तो इस रोग से छुटकारा पाने में काफी सहज होता है। अनेक इसके रोगियों को मधुमेह की लक्षण की जानकारी नहीं होने के कारण धीरे-धीरे यह रोग काफी बढ़ जाता है। मधुमेह रोगियों का जख्म ठीक होने में लगता काफी समय डा. अरविंद झा ने बताया कि मधुमेह को वंशानुगत भी माना गया है। पूर्वजों को इस रोग की शिकायत होने से परिवार के अन्य सदस्यों को भी इसकी आशंका बनी रहती है। इसके रोगी को आंखों की रोशनी कम होने के साथ धूंधला दिखाई देने लगता हैं। डा. संतोष आनंद ने बताया कि मधुमेह के लक्षणों में शुरुआती दौर में अत्यधिक थकान, नींद आना, बार-बार पेशाब आना, अधिक प्यास लगना सहित अन्य परेशानी पाया जाता है। तेजी से शरीर का वजन घटने लगता है। मधुमेह रोगियों के शरीर के किसी भी भाग का जख्म ठीक होने में काफी समय लगता है। ऐसे रोगियों को वायरल बुखार, खांसी, जुकाम या फिर इफेक्शन से तुरत लाभ मिलने में परेशानी होती है। खान-पान सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं बल्कि शरीर के ब्लड शूगर की मात्रा को नियंत्रित रखने में सहायक होता है। इन्सुलिन हार्मोन के स्त्रावन में कमी से इसके रोगी में आंख, किडनी की समस्या आने लगती है। योग के जानकार प्रशांत कुमार का कहना कि मधुमेह के लक्षण से बचाव के लिए चर्बी युक्त वस्तुओं का कम सेवन के साथ तेल, मसाला व बाजार की मसालेदार चटपटे खाद्य वस्तुओं से परहेज किया जाना चाहिए। व्यायाम, योग भी काफी कारगर होता है। दिनचर्या में सुधार और खान-पान के प्रति सजगता से मधुमेह पर काबू पाया जा सकता है।