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बाजार पर बारिश का असर, एक करोड़ का कारोबार

मधुबनी। अनलॉक वन के पांचवें दिन शुक्रवार को सुबह में वर्षा के बाद बाजार में लोगों की संख्या कम रही। हालांकि दोपहर बाद खरीदारी के लोग बाजार को निकल पड़े।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 08:19 PM (IST)
बाजार पर बारिश का असर, एक करोड़ का कारोबार

मधुबनी। अनलॉक वन के पांचवें दिन शुक्रवार को सुबह में वर्षा के बाद बाजार में लोगों की संख्या कम रही। हालांकि दोपहर बाद खरीदारी के लोग बाजार को निकल पड़े। शाम में बाजार बाजार की चहल-पहल बनी रही।

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बारिश के कारण बाजार में खरीददारों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा कम होने का असर कारोबार पर भी देखा गया। दो-चार पहिए वाहनों के शोरूम में भी खरीदारों की आवाजाही कम रही। कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण, बर्तन, फर्नीचर, कॉस्मेटिक, जूता-चप्पल मोबाइल, रेडीमेड सहित अन्य प्रतिष्ठानों का कारोबार कमजोर रहा। चैंबर ऑफ कॉमर्स के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार नायक ने बताया कि दिन में बारिश और मौसम को देखत हुए शाम तक शहर में करीब एक करोड़ रूपये का कारोबार का अनुमान है। अनलॉक से कारोबार पटरी पर आने से कारोबारी राहत महसूस कर रहे है। यात्रियों की संख्या कम होने से वाहन संचालकों में निराशा अनलॉक वन में बस सहित अन्य छोटे-बड़े भाड़े के वाहनों का परिचालन शुरू होने से बस सहित अन्य छोटे वाहन संचालक राहत की सांस ले रहे है। लेकिन वाहनों में अभी यात्रियों की संख्या कम होने से वाहन संचालकों में निराशा है। इन दिनों बसों स्थानीय प्राइवेट बस स्टैंड से पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा सहित जिले के अन्य हिस्सों के लिए यात्रियों की संख्या कम होने से दिनभर में मात्र एक दर्जन बसों का परिचालन हो रहा है। वहीं शहर में सैकड़ों की संख्या में चलने वाली ई-रिक्शा के परिचालन की संख्या दर्जनों में सिमट गई है। ई-रिक्शा चालक रमेश कुमार ने बताया कि अनलॉक में शहर में एक से दूसरे जगह जाने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा नहीं होने से चालक अपने ई-रिक्शा सड़क पर निकालते तो है लेकिन यात्री के अभाव में वापस घर लौट जाते है। इधर ई-रिक्शा के फाइनेंसर द्वारा समय पर किस्त चुकता करने का दबाव बना रहे है। वहीं बिहार मोटर्स ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के जिलाध्यक्ष उमाशंकर ठाकुर मुन्ना ने बताया कि यात्रियों की संख्या कम होने से बसों के संचालन से घाटा उठाना पड़ रहा है। अभी यात्रियों की संख्या कम देखी जा रही है। फिर भी बस संचालन जारी रखा जा रहा है। बस चालक, कंडक्टर का वेतन देना भी मुश्किल हो रहा है।

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