शहीद द्वार पर गणेश ठाकुर का नामकरण नहीं हुआ तो होगा उग्र आंदोलन
मधुबनी। स्थानीय कर्पूरी भवन के सभागार में राष्ट्रीय नाई महासभा की बैठक जिलाध्यक्ष राजा ठाकुर की अध्यक्षता में हुई।
मधुबनी। स्थानीय कर्पूरी भवन के सभागार में राष्ट्रीय नाई महासभा की बैठक जिलाध्यक्ष राजा ठाकुर की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि नगर परिषद के द्वारा नवनिर्मित शहीद द्वार के नामाकरण में जानबूझकर शहीद गणेश ठाकुर का नाम नहीं लिखा गया है, जिसका महासभा विरोध करती है। स्वतंत्रा आंदोलन में शहीद गणेश ठाकुर की अहम भूमिका थी। 14 अगस्त 1942 को क्रांतिकारियों के द्वारा नगर थाना तिरंगा झंडा फहराने के लिए निकली जुलूस में को रोकने के लिए शहीद चौक पर नगर थाना और बाटा चौक के बीच सत्काली अंग्रेजी शासन दारोगा के द्वारा जुलूस को रोकने के लिए लाठी और गोली चलाई गई थी। क्रांतिकारी स्वतंत्रा सेनानी गणेश ठाकुर को गोली लगने से ही शहीद हो गए। भगदड़ में कई लोगों को भी गोली लगी और वे भी शहीद हो गए। घटनास्थल पर बना शहीद स्तंभ दोनों क्रांतिकारी आदर्श शहीदों का नाम अंकित है। जिलाध्यक्ष श्री ठाकुर ने कहा कि सरकार के द्वारा नवनिर्मित द्वार पर शहीद गणेश ठाकुर का नाम नहीं होना ऐतिहासिक तथ्य को नजरअंदाज करना है। शहीद गणेश ठाकुर नाई समाज से आते हैं। गणेश ठाकुर को आजादी के लिए दिए गए बलिदान को न्याय और सम्मान जताते हुए शहीद स्थल पर शहीद गणेश ठाकुर का नाम लिखना होगा, नहीं तो उग्र आंदोलन होगा। बैठक में इंद्रदेव ठाकुर, जयराम ठाकुर, सुनील ठाकुर, परमेश ठाकुर, उपेंद्र ठाकुर, राम ठाकुर, उमेश ठाकुर, प्रदीप ठाकुर, रमन ठाकुर, विनोद ठाकुर, जयराम ठाकुर आदि उपस्थित थे।