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बादल उमड़ते देख बाढ़ की आशंका से धड़कने लगता दिल

आसमान में बादल उमड़ते देख वर्षा की याद आते ही बाढ़ की आशंका से दिल धड़कने लगता है। मानसून करीब आने को लेकर लोगों को वर्षा की उम्मीद के साथ बाढ़ की आशंका सताने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 02:11 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 02:11 AM (IST)
बादल उमड़ते देख बाढ़ की आशंका से धड़कने लगता दिल
बादल उमड़ते देख बाढ़ की आशंका से धड़कने लगता दिल

मधुबनी। आसमान में बादल उमड़ते देख वर्षा की याद आते ही बाढ़ की आशंका से दिल धड़कने लगता है। मानसून करीब आने को लेकर लोगों को वर्षा की उम्मीद के साथ बाढ़ की आशंका सताने लगा है। वहीं बाढ़ की आशंका को लेकर जिला प्रशासन द्वारा भी बाढ़ से पूर्व बचाव की तैयारी शुरू कर दी है। बहरहाल प्रशासन अपनी तैयारी में कितना कारगर साबित होता है यह बाढ़ आने के बाद ही पता चल पाएगा। इधर जिले से गुजरने वाली विभिन्न नदियों के आसपास के गांवों के ग्रामीणों में बाढ़ को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं उठने लगी है। कमला बलान नदी में एक सप्ताह पूर्व दस्तक दे गई बाढ मालूम हो कि बाबूबरही क्षेत्र के में पड़ने वाली कमला बलान नदी में एक सप्ताह पूर्व बाढ दस्तक दे गई। जिससे तटबंध के अंदर व किनारे बसे लोग परेशान दिख रहे है। बाढ से बचाव के दिशा में विभाग द्वारा किए जा रहे कार्य को लोग नाकाफी बता रहे हैं। कमला बलान नदी का पूर्वी तटबंध हर वर्ष बाढ के समय कई जगहों पर संवेदनशीन बन जाता है। तटबंध वर्ष 1987 एवं 2004 में टूट भी चुका है। ¨बदु संख्या 30 सहित माठ ढलान, मुरहदी कालेज ढलान, मुरहदी रामजानकी मंदिर ढलान पर बाहनों के नीचे उतरने एवं माल मवेशियों के आवाजाही के कारण तटबंध संकरीली हो गई है। ¨बदु संख्या 28.5 से 27 किमी के बीच बाढ के रेतों की ठोकरें सीधे बांध से टकराती है। नदियों के उफान के कारण यहां टूटने की संभावना बनी रहती है। गत वर्ष इस ¨बदु पर जियो बैग एटैच किया गया था। ¨कतु अबकी इस बैग का कोई काम नहीं हुआ है। बल्कि बोरे में मिटी भरकर एकत्रित किया जा रहा है। उखाड़े गए खरंजे की जगह मिट्टी डाली गई है। जेई अमरेन्द्र ¨सह का कहना है कि बाढ से बचाव को कारगर उपाया किया जा रहा है। तटबंध को मोटरेबुल बना दिया गया है। वहीं कुछ दिन पूर्व डीएम शीर्षत कपिल अशोक द्वारा बिस्फी प्रखंड के धौंस नदी के तटबंधों का जायजा लिया गया था। यहां साढ़े छह किलोमीटर तटबंध पर मिट्टी का कार्य किया गया है। डीएम द्वारा मरबा गांव के इस्लामपुर में इमली गाछ से सटे पश्चिम बने गड्ढे को भरने का आदेश दिया गया। मालूम हो कि बरसात के दिनों में यहां पर टूटने से दर्जनभर गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं।

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बाढ़ पूर्व बचाव की तैयारी शुरू जयनगर (मधुबनी), संस : अनुमंडल क्षेत्र में संभावित बाढ़ के कुप्रभावों से आमजनों को बचाने के लिए अनुमंडल प्रशासन द्वारा बाढ़ पूर्व की तैयारी विविध स्तरों पर प्रारंभ कर दी गई है। कमला नदी के पश्चिमी तटबंध के कटाव से प्रभावित होने वाले जयनगर प्रखंड डोरवार समेत अन्य गांवों को बचाने के लिए भी कमला नहर प्रमंडल और अनुमंडल प्रशासन अपने स्तर से तैयारी प्रारंभ कर दी है। अनुमंडल पदाधिकारी शंकर शरण ओमी ने बताया कि संभावित बाढ के खतरों से बचाव के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रशासनिक तैयारी की जा रही है। खराब नावों को ठीक कराया जा रहा है। अनुमंडल अस्पताल में एंटी रेबीज और सांप काटने की दवा की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था करने का निर्देश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया गया है। एसडीओ ने कहा कि पश्चिमी तटबंध को कटाव से बचाने के लिए कमला नहर प्रमंडल द्वारा कटावरोधी काम कराए गए हैं। साथ ही चिन्हित स्थलों पर अभियंता और होमगार्ड जवानों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। जहां कहीं भी कटाव होने की सूचना मिलेगी उससे आमजनों को बचाने के लिए त्वरित उपाय किए जाएंगे। अंचलाधिकारी प्रवीण पाण्डे ने बताया कि किराना सामान की आपूर्ति हेतु निविदा की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। निजी नाविकों को भी अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जा चुका है। पालीथीन सीट खरीदे जाने की भी प्रक्रिया की जा रही है। लाईफ जैकेट के लिए जिला मुख्यालय को प्रतिवेदन भेजा जा चुका है। ज्ञात हो कि कमला नदी, बछराजा नदी समेत अन्य नदियों के बरसात के समय उफान पर आ जाने से प्रतिवर्ष लाखों की क्षति होता आ रहा है। कमला नदी के पश्चिमी तटबंध पर विभिन्न जगहों पर प्रतिवर्ष विभाग द्वारा कटावरोधी कार्य तो कराए जाते हैं। लेकिन जब नदियां उफान पर आती तो सबकुछ अपने साथ बहाकर ले जाती है। कटाव से प्रभावित गांव के लोगों की माने तो कटावरोधी काम के नाम पर विभाग द्वारा खानापूर्ति कर दी जाती है।


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