हररी गांव की मुख्य सड़क जर्जर व अतिक्रमित
हररी गांव की मुख्य सड़क जर्जर, अतिक्रमित और बदहाल है।
मधुबनी। हररी गांव की मुख्य सड़क जर्जर, अतिक्रमित और बदहाल है। गांव के बीचोबीच गुजरती यह सड़क गन्धराइन चौक पर अंधराठाढ़ी झंझारपुर मुख्य मार्ग से मिलती है। बरसात में यह रास्ता किसी गंदे नाले में तब्दील हो लगभग बंद रहता है। सूखे के दिनों में भी पैदल यात्रियों को संभल-संभल कर चलना पड़ता है। इसकी जर्जरता कभी भी किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है।
बताते चले की हररी गांव में ही प्रसिद्ध चन्देश्वरनाथ मंदिर अवस्थित है। जहां साल भर लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन को नेपाल सहित राज्य के कोने-कोने से आते हैं। सड़क किनारे दर्•ानो महत्पूर्ण गांव अवस्थित है। ये सड़क अंधराठाढ़ी, झंझारपुर और ननौर होते हुए एनएच 57 से इन गांवों को जोड़ती है। पंसस विशुनदेव यादव, अमरेश यादव, हरिमोहन चौधरी, गुणानंद झा, अर¨वद झा, तारा देवी, नीता देवी, योगेंद्र ¨सह, डॉ. उल्फत हुसैन, सुरेश पानदास सहित दर्•ानो ग्रामीणों ने बताया की वे 2001 से ही इस सड़क को सुधारने के लिए लिखा पढ़ी करते आ रहे है। मगर अबतक सरकार का ध्यान इस सड़क पर नहीं गया है। इस सड़क से सुधरने से लोगों की आवाजाही सुगम होगा और स्थानीय बा•ार भी फलेगा फूलेगा।
लोकसभा राज्यसभा से लेकर स्थानीय चुनावों में भी हमेशा से ये एक मुख्य मुद्दा रहा है। हरिमोहन चौधरी कहते हैं कि सड़क के दोनों किनारे घनी आबादी बसी है। लोगो ने जगह जगह इसे अतिक्रमित कर लिया है। गांव की मुख्य सड़क का ऐसी हालत है कि सूखे के दिनों में भी किसी तरह बड़ी मुश्किल से लोग गांव से बाहर निकल पाते है। और जब थोड़ी सी भी बारिश हो जाये तो गाड़ी क्या आम आदमी का पैदल भी घर से निकलना मुश्किल हो जाता है।
शिक्षक अमरेश यादव बताते हैं कि सबसे दुखद बात यह है कि बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना भी दुरूह और दुष्कर होता है। गांव के लोगो के द्वारा बिहार सरकार, आयुक्त, जिलाधिकारी आदि अधिकारियों को दर्जनों बार आवेदन देकर इस समस्या से अवगत कराया गया है। मगर इस महत्वपूर्ण सड़क की जर्जर हालत यह दर्शाता है की प्रशासन, अधिकारी और चुनाव जीतने वाले यहाँ के जनप्रतिनिधि जनता के प्रति कितने संवेदनशील है।