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गांव में अकेले रहते पीड़ित बहनों के दादा-दादी

लखनौर थाना क्षेत्र के जिस गांव की दोनों पीडि़त बहने हैं, वहां के लोगों में आक्रोश है। पीडि़त बहनों के वृद्ध दादा-दादी फफकते हुए कहते हैं, हमहूं अखबारे के माध्यम से बुझलौ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 11:10 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 11:10 PM (IST)
गांव में अकेले रहते पीड़ित बहनों के दादा-दादी
गांव में अकेले रहते पीड़ित बहनों के दादा-दादी

मधुबनी। लखनौर थाना क्षेत्र के जिस गांव की दोनों पीडि़त बहने हैं, वहां के लोगों में आक्रोश है। पीडि़त बहनों के वृद्ध दादा-दादी फफकते हुए कहते हैं, हमहूं अखबारे के माध्यम से बुझलौ। न बेटे ने फोन किया और न ही पीडि़त पोतियों ने। दादा-दादी अपने को कबीरपंथी नहीं, रामभक्त बताते हैं।

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बताया कि उनके दो पुत्र हैं। दोनों करीब 20 साल से लुधियाना में रहते हैं। शीशा के कारोबार से जुड़े हैं। वे कबीरपंथी हो गए। वर्षो पूर्व बाबा मनमोहन उनके घर भी आया था। देखने में विलक्षण था, लेकिन इतना बड़ा पापी निकलेगा, पता नहीं था। बुढ़ापे में खेती कर जीवन चलाने वाले दादा-दादी बाबा को कड़ी से कड़ी सजा की मांग करते हैं।

बातचीत के दौरान कई ग्रामीण आ गए। लोगों ने बाबा पर आक्रोश जताया। रामदेव महतो ने फांसी की सजा की मांग की। वार्ड सदस्य रमेश महतो ने बताया कि वह बाबा के नाम पर कलंक है। सियावर महतो और राजेंद्र महतो भी कुछ ऐसा ही कहते हैं। इस दौरान के पिता के मोबाइल पर संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन लगातार बंद मिला।

इनसेट

बाबा ने बना रखी ऊंची पहुंच

विश्व कबीर मंच का अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा मनमोहन दास के कारनामों की परत खुलने लगी है। उसके चरित्र पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। बाबा की पहुंच कई राजनेताओं व धर्मगुरुओं के अलावा शंकराचार्य तक बताई जा रही है। कबीर के विचारों के प्रचार-प्रसार के बहाने इसके अनुयायियों के बीच गहरी पैठ बना चुका था। जगह-जगह प्रवचन के नाम पर धन उगाही भी होती थी।

विश्व कबीर विचार मंच के माध्यम से होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में पुरुषों के साथ महिलाओं की संख्या भी खासी देखी जाती थी। भजन कार्यक्रम में कम उम्र की भजन गायिकाओं (साध्वियों) को तरजीह दी जाती थी। अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते कार्यक्रम संबंधी पर्चा-पोस्टरों में बाबा की तस्वीर प्रमुखता से दी जाती थी। कार्यक्रम के दौरान कई महिला शिष्यों और साध्वियों से बाबा की नजदीकी रही।

आश्रम में आने से हिचक रहे अनुयायी : वीरान पडे़ फुलपरास स्थित आश्रम की सभी गतिविधियों पर विराम लग चुका है। बाबा के अनुयायी आश्रम में आने से हिचक रहे हैं। एक अनुयायी ने बताया कि दुष्कर्म के आरोप में सच्चाई दिख रही है। कानूनी प्रकिया का इंतजार करना होगा। दूसरे अनुयायी ने बताया कि बाबा ने अगर गलत किया है तो सजा मिलनी चाहिए। अगर बदनाम करने की साजिश है तो बाबा की जीत होगी ।

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