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जिला में मिले कोरोना के चार नए मामले, एक्टिव केस बढ़कर हुआ 14

मधुबनी । स्थानीय रेलवे स्टेशन पर रविवार को कोविड जांच के दौरान फिर एक यात्री कोरोना पाजिटिव पाया गया। जबकि शनिवार को रेलवे स्टेशन पर कोरोना संक्रमण के आठ मामले सामने आए थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 10:41 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 10:41 PM (IST)
जिला में मिले कोरोना के चार नए मामले, एक्टिव केस बढ़कर हुआ 14

मधुबनी । स्थानीय रेलवे स्टेशन पर रविवार को कोविड जांच के दौरान फिर एक यात्री कोरोना पाजिटिव पाया गया। जबकि, शनिवार को रेलवे स्टेशन पर कोरोना संक्रमण के आठ मामले सामने आए थे। वहीं, शनिवार देर रात आरटीपीएस जांच में जिले में तीन नए कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। इस तरह जिले में एक सप्ताह में कोरोना पाजिटिव की संख्या 14 हो गई है। रविवार को रेलवे स्टेशन पर पाया गया पॉजिटिव यात्री शहर के आरके कॉलेज चौक निवासी के रूप में चिन्हित किए गए हैं, लेकिन स्टेशन पर रजिस्ट्रेशन पंजी में इस यात्री का मोबाइल नंबर अंकित नहीं होने से इन्हें कोरोना पाजिटिव होने का मैसेज भी इन तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। बता दें कि कोविड जांच के लिए रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य कर्मियों का एक दल लगातार कैंप कर रहा है।

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स्टेशन पर शाम तक महज दो दर्जन यात्रियों की हुई जांच :

स्थानीय रेलवे स्टेशन पर दो दिनों से लगातार कोरोना संक्रमित मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन की सक्रियता रेलवे स्टेशन पर दिख नहीं रही। नतीजा यह है कि अधिकांश यात्री बिना जांच कराए ही अपने अपने गंतव्य को जा रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच की व्यवस्था में कोई बदलाव या सख्ती नहीं की गई है। रविवार को सुबह से लेकर देर शाम तक देश के कई हिस्सों से आने वाली ट्रेन से सैकड़ों यात्री स्टेशन पर उतरे, लेकिन शाम तक महज दो दर्जन यात्रियों की जांच ही हो सकी।

यात्रियों का मोबाइल नंबर अंकित नहीं करना पड़ सकता भारी :

बता दें कि रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक काउंटर बनाया गया है। यहां बाहर से आने वाले यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसमें यात्री का नाम, मोबाइल नंबर के साथ पूरा पता और किस ट्रेन से कहां से चले थे, इसका उल्लेख किया जाता है। मगर, रविवार को कोरोना पाजिटिव पाए जाने वाले यात्री का नाम रजिस्टर में दर्ज किया गया। पता में आरके कॉलेज, मधुबनी दिखाया गया। मगर, उसका मोबाइल नंबर अंकित नहीं पाया गया। जिससे यह यात्री खुद को कोरोना प्राजिटिव की जानकारी से वंचित हो गया है। ऐसी स्थिति में इस यात्री को घर के स्वजनों के साथ रहना, घूमना-फिरना कोरोना संक्रमण को फैलने से रोक नहीं सकता है। यात्रियों के रजिस्ट्रेशन से लेकर जांच कराने तक के लिए मात्र पांच होमगार्ड

रेलवे स्टेशन पर दूसरे काउंटर पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा इन यात्रियों का जांच किया जाता है। पाजिटिव पाए जाने वाले यात्रियों को उसके मोबाइल पर मैसेज दिया जाता है। रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच के लिए काउंटर पर दो जीएनएम, एक लैब टेक्नीशियन कार्यरत हैं। दो जीएनएम, एक लैब टेक्नीशियन का आठ-आठ घंटे का तीन ग्रुप बनाया गया है। रविवार को काउंटर पर मौजूद जीएनएम एडिथ सविता ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को जांच कराने के लिए लगातार आग्रह किया जाता है। वहीं, रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का रजिस्ट्रेशन कराने से लेकर के जांच कराने तक के लिए पांच होमगार्ड प्रतिनियुक्त किए गए हैं। जिसमें से दो होमगार्ड रामचंद्र साह, विशेश्वर यादव दिन में आठ घंटे की ड्यूटी करते हैं। जबकि, गौरीशंकर यादव, रामचंद्र यादव, श्याम सुंदर यादव रात्रि में ड्यूटी करते हैं।

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कोट ::::::

रेलवे स्टेशन पर पाए गए एक कोरोना पाजिटिव यात्री को घर के पता पर चिन्हित कर उन्हें होम आइसोलेट होने की सलाह दी जाएगी। इन पर नजर रखी जाएगी। स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को जांच के लिए व्यवस्था को और सक्रिय किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन का सहयोग लिया जाएगा।

- डॉ. सुनील कुमार झा, सिविल सर्जन, मधुबनी


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