कचरे के बीच पर्चा साट दिया, बन गया क्वारंटाइन सेंटर
मधुबनी। 26 पंचायतों वाले प्रखंड में 32 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। कोरोना वायरस का सामना करने के लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक पंचायत को पंचम राज्य वित्त आयोग के अनुदान मद की राशि का उपयोग करने को कहा है।
मधुबनी। 26 पंचायतों वाले प्रखंड में 32 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। कोरोना वायरस का सामना करने के लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक पंचायत को पंचम राज्य वित्त आयोग के अनुदान मद की राशि का उपयोग करने को कहा है। इससे पंचायत में मास्क हैंड ग्लब्स, सैनिटाइजर, साबुन उपलब्ध कराने तथा बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन के लिए पंचायत के सरकारी विद्यालय पर केंद्र बनाने व उसकी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। कुछ पंचायतों ने कुछ हद तक इसका पालन भी किया है। इसमें जागरूकता के साथ कुछ पंचायतों ने साबुन और मास्क का वितरण भी किया है। कुछ पंचायतों ने ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव भी किया है। मगर, प्रखंड में क्वारंटाइन सेंटर की वास्तविकता कुछ अलग ही बयां कर रही है।
प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में अब तक 15 सौ से अधिक बाहरी लोग आ चुके हैं। इनमें से 12 सौ से अधिक लोगों की स्क्रीनिग हो चुकी है। चिकित्सकों ने होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह भी दी है। मगर, पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाने की महज खानापूरी की गई है। भगवतीपुर, मेघौल, सरिसब पाही पश्चिमी, सागरपुर पंचायत में सरकारी विद्यालय के कमरों में क्वारंटाइन में रहने वाले लोगों के लिए बेड भी लगाया गया है। मगर, अधिकतर पंचायतों में सरकारी विद्यालय पर इस क्वारंटाइन सेंटर का सिर्फ पर्चा लगा दिया गया है। तैयारी कुछ भी नहीं की गई है। साथ ही इसका प्रयास भी नहीं हुआ है। जबकि बीडीओ महेश्वर पंडित के अनुसार प्रखंड में कुल 32 कोरंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। हकीकत यह है कि पंडौल पूर्वी पंचायत के यमसम स्थित कॉल सेंटर में तब्लीगी जमात के तीन लोग क्वारंटाइन में हैं। इसके अलावा प्रखंड के एक भी क्वारंटाइन सेंटर में कहीं कोई नहीं है। प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एसएस झा ने बताया कि पूरे प्रखंड में तीन लोग क्वारंटाइन सेंटर में है। इसकी नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच मेडिकल टीम कर रही है। बाकी किसी भी क्वारंटाइन सेंटर में कोई नहीं है। कई पंचायतों में तो कूड़े कचरे के ढेर वाले कमरों के आगे क्वारंटाइन सेंटर का पर्चा लगाकर छोड़ दिया गया है। ना तो प्रशासनिक स्तर पर इसके लिए कोई प्रयास किया गया है और ना ही पंचायत स्तर पर मुखिया के द्वारा कोई तैयारी की गई है। यहां तक कि कई पंचायतों में अब तक मास्क और साबुन का वितरण भी नहीं हो सका है। इस मामले में बीडीओ ने कहा कि पंचायतों को पंचम वित्त आयोग की राशि आवंटित कर सेंटर पर व्यवस्था करने को कहा गया है। यह देखा जा रहा कि किस पंचायत में व्यवस्था सही नहीं है।