प्रसव के लिए महिला चिकित्सकों की टकटकी
सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती के लिए आने वाली गर्भवती माताओं पर निजी क्लिनिक के बिचौलियों की नजर लगी रहती है।
मधुबनी। सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती के लिए आने वाली गर्भवती माताओं पर निजी क्लिनिक के बिचौलियों की नजर लगी रहती है। सामान्य प्रसव जैसी स्थिति में भी ऑपरेशन का भय दिखाकर गर्भवती माताओं को निजी क्लिनिकों में भेजने को उकसाने की परम्परा बढ़ती जा रही है। अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती होने वाली गर्भवती महिलाओं की प्रसव से पूर्व तक इलाज के साथ चिकित्सकों द्वारा होने वाली देखभाल में कोताही की शिकायत सुनी जाती रही है। प्रसव वार्ड के आसपास कुत्ता सहित अन्य आवारा पशुओं का जमावड़ा भी देखा जाता रहा है। प्रसव वार्ड के अगल-बगल में स्वच्छता की कमी देखी जाती रही है। महिला चिकित्सकों की कमी से प्रसव सहित अन्य महिला रोगियों को इलाज के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में सामान्य प्रसव की संख्या तो संतोषजनक मानी जा सकती है। वहीं ऑपरेशन कर शिशु जन्म की संख्या नगण्य होती है। दो महिला चिकित्सक के सहारे सदर अस्पताल सदर अस्पताल में स्वीकृत 24 चिकित्सकों महिला चिकित्सकों की स्वीकृत पद 8 की जगह वर्तमान में महिला चिकित्सक कार्यरत है। जयनगर व झंझारपुर अनुमंडीय अस्पताल में एक महिला चिकित्सक कार्यरत है। फुलपरास अनुमंडलीय अस्पताल में महिला चिकित्सक एक पद स्वीकृत होने के बाद भी यहां महिला चिकित्सक की कमी बनी है। जिले के 21 प्रखंडों के पीएचसी में महिला चिकित्सकों की स्वीकृत पद 1 की जगह वर्तमान में बासोपट्टी पीएचसी को छोड़कर अन्य पीएचसी में महिला चिकित्सक कार्यरत नहीं है।
निजी क्लिनिकों में भर्ती कराने को कर देते विवश
सदर अस्पताल में कार्यरत के अलावा अवकाशप्राप्त चिकित्सकों के द्वारा संचालित निजी क्लिनिकों में प्रसव को आने वाली महिलाओं से ऑपरेशन के रास्ते मोटी रकम की आमदनी तय मानी जाती है। ऑपरेशन के लायक गर्भवती माताओं का अस्पताल में ऑपरेशन नहीं करने की अनेक कारण बताकर उसे निजी क्लिनिक में भर्ती कराने पर विवश कर दिया जाता है। सदर अस्पताल के आसपास के अलावा शहर में एक दर्जन से अधिक निजी क्लिनिक का संचालन हो रहा है।
'सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को निर्धारित सुविधा दी जाती है। अस्पताल के अंदर बिचौलियों की शिकायत आने पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। महिला चिकित्सकों की कमी दूरने के लिए विभागीय कार्रवाई जारी हैं।'
- डॉ. हरिकिशोर ¨सह, सिविल सर्जन