कीट प्रबंधन से ही धान की सही उपज ले सकते किसान
दैनिक जागरण पत्र ही नहीं मित्र की सूत्र वाक्य का अनुसरण करते हुए समय-समय पर कार्यालय में प्रश्न पहर, हेलो जागरण अभियान के तहत विभिन्न अधिकारियों, शिक्षा विशेषज्ञों को बुलाकर लोगों के सवाल का जवाब देकर समस्या निदान की जानकारी देने का काम करता है।
मधुबनी। दैनिक जागरण पत्र ही नहीं मित्र की सूत्र वाक्य का अनुसरण करते हुए समय-समय पर कार्यालय में प्रश्न पहर, हेलो जागरण अभियान के तहत विभिन्न अधिकारियों, शिक्षा विशेषज्ञों को बुलाकर लोगों के सवाल का जवाब देकर समस्या निदान की जानकारी देने का काम करता है। इसी के तहत शुक्रवार को किसानों की समस्या एवं उसके निदान के लिए जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार को बुलाया गया। जिसमें किसानों के सवाल का उत्तर दिए। प्रश्न:धान के तना को कीट काट रहा है। क्या करें?
रामलाल महतो, कोरियानी
उत्तर:धान की फसल को अच्छी तरह देखें। इसमें मादा कीट का अग्र पंख पीलापन लिए होता है। जिसके मध्य भाग मं एक काला धब्बा होता है। कीट को पिल्लू तना के अंदर घुसकर मुलायम भाग को खा जाता है। इसके कारण गाभा सूखने लगता है। बाद की अवस्था में आक्रांत होने पर बालियां सफेद हो जाती है। फलन नहीं होता। इसके लिए आप प्रति हेक्टेयर 8 से 10 फैरोमिन ट्रैप लगाएं। वर्ड पर्चर लगाएं। धान की कटनी जमीन से सटाकर करें। दवा के रूप में कार्बाफ्यूराडान 3 जी दानेदार दवा 25 किलोग्राम या फोरेट 10 जी दानेदार 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत की सतह पर व्यवहार करें। यह ध्यान रहे कि इसके प्रयोग के समय से तीन से चार दिन तक खेत में पानी लगा रहे। प्रश्न:धान की फसल में सांढ़ा कीट का प्रभाव हो गया है। क्या करें?
सोती लाल पासवान , लौकही। उत्तर:कार्बाफ्यूराडान 3 जी दानेदार दवा को 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। या क्वीनलफास 25 ईसी दवा का 1 एमएम प्रतिलीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करें। प्रश्न:धान की पत्तियां सफेद हो रही है। क्या करें?
प्रकाश मंडल, सतलखा उत्तर:इस बीमारी में गहरे काले रंग के कीट का प्रभाव होता है। जो देखने में काली मिर्च जैसा होता है। यह पत्ती की हरितिमा को खा जाती है। इसके लिए आप साईपरमेथरिन 10 ईसी दवा या फेलभेनरेट 20 ईसी दवा 1 एमएम प्रतिलीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें। प्रश्न:धान की पत्ती एक दूसरे से लिपट गया है। क्या करें?
मोहन यादव, बासोपट्टी। उत्तर:यह पत्र लपेटक बीमारी है। इसमें हरीतिमा को कीट खा जाता है। इसके लिए आप कार्टाप हाईड्रोक्लोराइड 4 जी दानेदार दवा 10 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव कर दें। प्रश्न:धान में अंगमारी रोग लग गया है?
कमलेश कुमार, बेनीपट्टी। उत्तर :यह बीमारी से बचने के लिए उर्वरकों का संतुलित व्यवहार आवश्यक है। खास कर नेत्रजनीय उर्वरक का ज्यादा व्यवहार नहीं करें। बचाव के लिए स्ट्रैप्टोसाइकिन 50 ग्राम प्लस कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 ग्राम धुलनशील चूर्ण का 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। प्रश्न:धान की पत्तियों पर भूरे रंग का चित्ती बन गया है। जो फैल ही रहा है?
सुनील मंडल, बाबूबरही। उत्तर :यह पत्र लांछन बीमारी है। जिससे बचाव जरूरी है। इसके लिए खेतों में ¨सचाई की समुचित व्यवस्था करें। इससे बचाव के लिए मैंकोजेब 75 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण का 2 ग्राम प्रतिलीटर पानी में डालकर छिड़काव करें। प्रश्न:किस विधि से गेहूं की खेती करें जिससे अधिक उपज हो ?
अखिलेश कुमार मिश्र, गरोखर उत्तर:वर्तमान में जीरोटीलेज, श्रीविधि से खेती करना लाभदायी होता है। इसके कम बीज के साथ कम उर्वरक व कम ¨सचाई की जरूरत पड़ती है। इसके लिए आप अपने किसान सलाहकार से संपर्क कर इसकी विधि की जानकारी लें। आप जिला कृषि कार्यालय आकर भी जानकारी ले सकते हैं।