संगीत में अद्भुत शक्ति, आता समरसता का भाव
संगीत हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। कला के माध्यम से समरसता एवं शिक्षा में भी सुधार लाया जा सकता है।
मधुबनी। संगीत हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। कला के माध्यम से समरसता एवं शिक्षा में भी सुधार लाया जा सकता है। ये बातें डीपीओ, स्थापना अनिल कुमार ने रीजनल सेकेंड्री स्कूल के सभागार में आयोजित जिला स्तरीय कला उत्सव के दौरान कहीं। समग्र शिक्षा अभियान के तहत इसका आयोजन किया गया। वहीं बाल विज्ञान कांग्रेस के संरक्षक डॉ. आरएस पांडे ने कहा कि संगीत के माध्यम से एवं शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न से निजात पाया जा सकता है। संगीत का सीधा संबंध मन मस्तिष्क से है। यह एक प्रतिस्थापित विज्ञान है। पूरी दुनिया संगीत के प्रभाव का लोहा मान चुकी है। भारतीय संगीत सदा से सिरमौर रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य मनोज कुमार झा ने कहा कि आज परंपरागत संगीत खत्म हो रहा है। आधुनिक संगीत प्रभावी हो रहा है। यह चिता का विषय है। परंपरागत संगीत को कायम रखने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के प्रभारी संतोष कुमार मिश्र चुन्नू ने कहा कि संगीत में अद्भुत शक्ति है। वहीं सतीश कुमार ने कहा की संगीत हमारे जीवन के लिए अमूल्य है। समग्र शिक्षा के कार्यक्रम प्रभारी अमित कुमार ने कहा की संगीत के माध्यम से भगवान तक को खुश किया जा सकता है। इस अवसर पर राजीव कुमार पांडे प्रत्यूष परिमल पवन तिवारी आदि ने भी अपने विचार रखे। इन प्रतिभागियों का चयन प्रमंडल स्तरीय प्रतियोगिता के लिए नीतीश कुमार ठाकुर (शंभूआर उच्च विद्यालय), रानी कुमारी (रामपट्टी उच्च विद्यालय), गायन एवं वादन में अंकित कुमार (लीलाधर प्लस टू विद्यालय बेनीपट्टी) एवं प्रियतम बालाजी झा (वाट्सन स्कूल मधुबनी), नृत्य में अंजली कुमारी (त्रिलोकनाथ प्लस टू उवि कलुआही) एवं अंकुश झा (लीलाधर प्लस टू उवि बेनीपट्टी) का चयन किया। चित्रकला में प्रभाकर कुमार (उवि शाहपुर) एवं भारती कुमारी (प्लस टू उवि रामपट्टी) चयनित हुए।निर्णायक मंडल में शैलेंद्र कुमार पांडे, अनुपम झा, गुड़िया झा शामिल रहे।