धनतेरस से ऑटोमोबाइल में रफ्तार की उम्मीद
मधुबनी। लॉकडाउन में तीन माह तक ऑटोमोबाइल कारोबार लगे ब्रेक के बाद धनतेरस से रफ्तार पकड़ने की संभावना है।
मधुबनी। लॉकडाउन में तीन माह तक ऑटोमोबाइल कारोबार लगे ब्रेक के बाद धनतेरस से रफ्तार पकड़ने की संभावना है। यही उम्मीद ऑटोमोबाइल कारोबारियों को लॉकडाउन में हुई नुकसान की भरपाई की संभावना बनी है। अभी दुर्गा पूजा के समय में बाइक खरीदारों के लिए नाममात्र ही खरीदार शोरूम पहुंच रहे है। जबकि पिछले वर्ष दुर्गा पूजा के समय में शोरूम में बाइक खरीदारों की भारी भीड़ देखी गई थी। ऑटोमोबाइल सेक्टर को अभी फाइनेंस की सुविधा थोड़ी बहुत राहत प्रदान कर रहा है।
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लॉकडाउन अवधि की खर्च की भरपाई मुश्किल :
शहर के शिव शक्ति हीरो के प्रबंधक पवन कुमार बताते हैं कि अनलॉक बाद अबतक ऑटोमोबाइल कारोबार से में तेजी नहीं आई है। लॉकडाउन अवधि में उनके शोरूम के 170 कर्मियों का वेतन तकरीबन 21 रुपये के भुगतान के अलावा कर्मियों को हर संभव सहायता के साथ-साथ आम जरूरतमंदों के बीच आवश्यक सामान की पूर्ति जारी रखा गया। जिसकी भरपाई मुश्किल लग रहा है।
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लॉकडाउन में 70 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित :
शहर के शिव शक्ति हीरो सहित शहर के छह ऑटोमोबाइल्स शोरूम में लॉकडाउन अवधि में तकरीबन 70 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है।
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विधानसभा चुनाव का भी ऑटोमोबाइल्स कारोबार पर असर :
पिछले वर्ष दुर्गा पूजा के मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घर लौटने वाले लोग बाइक की एडवांस ऑनलाइन बुकिग करा रहे थे। मगर, इस वर्ष गांव लौटने वाले लोगों के समक्ष धन की कमी होने से बाइक की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। इधर, फिलहाल विधानसभा चुनाव का भी ऑटोमोबाइल्स कारोबार पर असर देखा जा रहा है।
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खरीदारों को आकर्षित करने की कोशिश :
दुर्गा पूजा बाद मांगलिक कार्यों का मौसम आने तक ऑटोमोबाइल्स कारोबार की उम्मीद से शोरूम को सजाया जा रहा है। दीपावली पर आटोमोबाइल के खरीदारों के लिए आकर्षक छूट के साथ-साथ फाइनेंस की सुविधा के द्वारा खरीदारों को आकर्षित करने की कोशिश की गई है। बाइक सहित अन्य वाहनों की ऑनलाइन बुकिग ऑनलाइन पेमेंट के साथ-साथ बाइक की होम डिलीवरी तक की सुविधा यहां के बाइक शोरूम द्वारा जारी रखा जा रहा है।
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'लॉकडाउन से पहले बाइक की खरीदारी का मन बना लिया था। राशि की व्यवस्था भी कर ली थी। मगर, लॉकडाउन के तीन महीने तक कारोबार प्रभावित होने के कारण बाइक के लिए रखी गई राशि परिवार के भरण-पोषण सहित अन्य आवश्यक मद में खर्च हो गए। जिससे बाइक की खरीदारी के विचार को टालना पड़ा है। अब आर्थिक स्थिति बेहतर होने के बाद बाइक की खरीदारी करेंगे।'
- रोहित कुमार, कपड़ा व्यवसायी