खतरे का सबब बना जर्जर विद्युत तार
बिजली तार की चपेट में आने से किसी की मौत जैसी अनहोनी की घटना आए दिन होती रहती है।
मधुबनी। बिजली तार की चपेट में आने से किसी की मौत जैसी अनहोनी की घटना आए दिन होती रहती है। इस तरह की घटनाओं में प्रति वर्ष अनेक लोगों की मौत हो जाती है। इसको लेकर आंदोलन भी होता रहा है। जर्जर पोल से लटकते तार से विद्युत आपूर्ति के चपेट में आने से अनेक मवेशियों की मौत होती रहती है। इस तरह की घटनाओं पर रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है। जर्जर पोल तार बदलने की गति धीमी होने से तार टूटने से होने वाली घटनाओं पर अंकुश लगना मुश्किल होता है। टूट कर गिरने के कगार पर लकड़ी के जीर्ण-शीर्ण खंभे
शहर के कई हिस्सों में सड़क निर्माण होने से बढ़ी ऊंचाई से बिजली तार नीचे होकर खतरनाक बन गया है। जिससें भारी वाहनों की आवाजाही से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। शहर के कई हिस्सों में विद्युत आपूर्ति में पोल की जगह बांस-बल्ला का सहारा लिया जाता है। एक दशक से नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड क्षेत्रों में पोल के अभाव में बांस-बल्ला और पेड़ के सहारे विद्युत की आपूर्ति हो रही है। कई हिस्सों में वर्षो पूर्व गाड़े गए लकड़ी के खंभे जीर्ण-शीर्ण होकर टूट कर गिरने के कगार पर पहुंच गया है। सहायक विद्युत अभियंता गौरव कुमार ने बताया कि इंट्रीग्रेटेड पावर डवलपमेंट स्कीम के तहत बांस-बल्ला की जगह पोल लगाने का कार्य चल रहा है। बिजली बिल की खामियों को दूर करने के लिए जिला मुख्यालय स्थित विद्युत कार्यालय में प्रत्येक माह 15 तारीख को शिविर का आयोजन किया जाता है।