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संवेदक चयन प्रक्रिया मामले में डीईओ ने डीपीओ से मांगी सफाई

मधुबनी। मध्याह्न भोजन योजना के तहत संवेदक चयन प्रक्रिया के मामले में कई बिदुओं पर जिला शिक्षा पदाधिकारी नसीम अहमद ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी-एमडीएम से सफाई मांगी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:11 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 11:11 PM (IST)
संवेदक चयन प्रक्रिया मामले में डीईओ ने डीपीओ से मांगी सफाई

मधुबनी। मध्याह्न भोजन योजना के तहत संवेदक चयन प्रक्रिया के मामले में कई बिदुओं पर जिला शिक्षा पदाधिकारी नसीम अहमद ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी-एमडीएम से सफाई मांगी है। दरअसल संवेदक चयन के लिए आवेदकों ने एक परिवाद पत्र जिला पदाधिकारी को दिया था। इसकी प्रति जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी दी गई थी। इसी परिवाद में उल्लेखित बिदुओं पर डीईओ ने सफाई मांगी है। इस बाबत डीपीओ-एमडीएम को भेजे गए पत्र में डीईओ ने उल्लेख किया है कि उनके द्वारा विभागीय अधिसूचना का हवाला देकर एमडीएम निदेशक के आदेश का उल्लंघन कर डीईओ के संज्ञान में संपूर्ण वस्तुस्थिति को लाए बिना डीएम के समक्ष निविदा में संलग्न वाहनों के भौतिक सत्यापन से संबंधित आदेश निर्गत करने हेतु प्रक्रिया क्यों अपनाई गई? इस संबंध में डीपीओ-एमडीएम से सफाई मांगी गई है। यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि संवेदक के चयन हेतु क्या विभाग के द्वारा वाहनों के भौतिक सत्यापन के लिए कोई निर्देश प्राप्त है? यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि क्या संवेदकों के चयन हेतु जो निविदा प्रकाशित की गई थी, क्या उसमें इस स्थिति की शर्त निर्धारित की गई थी कि निविदादाता के द्वारा निविदा के साथ संलग्न वाहनों की सूची का भौतिक सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि विभागीय आदेश और प्रकाशित निविदा डीपीओ-एमडीएम द्वारा कृत कार्रवाई का समर्थन नहीं कर रहा है। डीईओ ने डीपीएम-एमडीएम को यह भी स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि डीएम सह अध्यक्ष को विभागीय निर्देश तथा संविदा के लिए प्रकाशित विज्ञापन की शर्तों के संबंध में उनके द्वारा सही तथ्य छिपाकर उच्चाधिकारी को दिगभ्रमित करने के लिए क्यों नहीं उनको दोषी माना जाए? पूर्व में भी इस जिले में उनके स्तर से जो निविदा प्रकाशित कराकर संवेदक चयन की प्रक्रिया अपनाई गई थी, उस प्रक्रिया में भी विभागीय निर्देशों के अंतर्गत कार्य संपादित नहीं करने के कारण एमडीएम निदेशक के द्वारा निविदा को रद कर दिया गया था। यह स्थिति भी उनकी अदूरदर्शिता के कारण उत्पन्न हुई थी। फिर भी उनके द्वारा विभागीय निर्देशों के विपरीत तथा विज्ञापन में प्रकाशित शर्तों के बाहर जाकर डीएम के समक्ष वास्तविक स्थिति को नहीं रखकर पुन: गलत तरीके से संवेदक चयन की प्रक्रिया की जा रही है। डीपीओ-एमडीएम को यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि क्या एमडीएम निदेशक के आदेश का अनुपालन कर बीईओ, बीआरपी के माध्यम से खाद्यान्न उठाव की जो वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, उसका अवधि विस्तार किया गया है? यह अवधि विस्तार कब तक और किनके आदेश से किए गए हैं, के संबंध में भी साक्ष्य तलब किया है। डीईओ ने डीपीओ-एमडीएम को यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि विभागीय अधिसूचना का उल्लंघन करने, नियंत्री कार्यालय एवं पदाधिकारी की अनदेखी कर वित्तीय, प्रशासनिक, नीतिगत एवं विधायी मामलों में क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्य करने के लिए क्यों नहीं उनके विरुद्ध उच्चाधिकारी को प्रतिवेदित करते हुए महालेखाकार को संपूर्ण वित्तीय लेन-देन की प्रक्रिया में नियंत्री कार्यालय की अनदेखी करने के लिए एमडीएम कार्यालय की ऑडिट कराने की अनुशंसा कर दी जाए?

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