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निगम क्षेत्र की सफाई को टेंडर प्रक्रिया पूरी

मधुबनी। शहर में सात दिनों से ठप सफाई कार्य को पटरी पर लाने के लिए गुरुवार को नगर निगम

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 12:03 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 12:03 AM (IST)
निगम क्षेत्र की सफाई को टेंडर प्रक्रिया पूरी

मधुबनी। शहर में सात दिनों से ठप सफाई कार्य को पटरी पर लाने के लिए गुरुवार को नगर निगम कार्यालय में टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई। हालांकि तकनीकी गड़बड़ी के कारण चयनित एजेंसी के नाम की स्वीकृति नहीं मिलने से तत्काल सफाई शुरू होने पर संशय की स्थिति बनी है।

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जानकारी के अनुसार, टेंडर में चार एजेंसियों ने हिस्सा लिया। इसमें तकनीकी के आधार पर दो एजेंसी को टेंडर से बाहर कर दिया गया। दो को टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया गया। इन दो में एक एजेंसी को कार्य की अनुशंसा दी जाएगी। नगर आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई है, लेकिन तकनीकी कारणों से तत्काल एजेंसी का नाम स्पष्ट नहीं हो पाया है। एक-दो दिन में एजेंसी के नाम की स्वीकृति मिलने के बाद वर्क ऑर्डर दिया जाएगा। इसके बाद एजेंसी द्वारा सफाई कार्य शुरू किया जाएगा। नगर आयुक्त ने बताया कि तत्काल शहर की सफाई की वैकल्पिक व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की जा रही है। शहर के कुछ वार्डो की सफाई नगर निगम के कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। अन्य हिस्सों की सफाई के लिए संबंधित वार्ड पार्षदों को सफाई कार्य कराने की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने टेंडर की प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप के संदर्भ में बताया कि टेंडर की प्रक्रिया तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अपनाई गई थी। वर्तमान में इसे स्वीकृति प्रदान की गई है। सशक्त स्थायी समिति के सदस्य ने टेंडर की प्रक्रिया पर उठाया सवाल मधुबनी। शहर की सफाई को लेकर नगर निगम कार्यालय में टेंडर की प्रक्रिया के दौरान कुछ समय तक काफी शोरगुल रहा। टेंडर को लेकर सशक्त स्थायी समिति की बैठक में समिति के सदस्य व वार्ड पार्षद मनीष कुमार सिंह ने टेंडर की प्रक्रिया पर नाराजगी प्रकट करते हुए फिर से टेंडर की प्रक्रिया अपनाने की मांग की। बैठक के दौरान उन्होंने टेंडर की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि टर्नओवर को लेकर सफाई एजेंसी मेसर्स सुभाष सिंह ने छह करोड़ का दस्तावेज जमा किया है। इसका उल्लेख निगम के रेकॉर्ड पेज संख्या 199 पर दर्ज है, जबकि निगम के रिकॉर्ड में इस एजेंसी का ढाई करोड़ दिखाया गया है। वहीं, इस एजेंसी के कार्य करने के अनुभव को लेकर भी गलत आंकडा प्रस्तुत करने की बात कही। पार्षद ने बताया कि तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी के तबादले से 16 अप्रैल के बाद उनके कार्यालय नहीं आने के बीच टेंडर खोले जाने की सच्चाई की पुष्टि कार्यालय के सीसीटीवी कैमरा से की जा सकती है। कहा कि दिखावे के लिए गुरुवार को सशक्त स्थायी समिति की बैठक बुलाई गई है। इधर, वार्ड पांच की पार्षद निर्मला देवी ने नगर आयुक्त राकेश कुमार को आवेदन देकर वार्ड की सफाई में वाहन भेजने के एवज में पेट्रोल की राशि मांग किए जाने की शिकायत की है। निविदा प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप, डीएम से कार्रवाई की गुहार मधुबनी। शहर की सफाई के लिए गुरुवार को निगम कार्यालय में निविदा की प्रक्रिया पूरी की गई। हालांकि निविदा की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैैं। बता दें कि गुरुवार को प्रक्रिया पूरी होने के बाद निविदा में शामिल एक सफाई एजेंसी मेसर्स सुभाष सिंह के प्रबंधक नितिन सिंह ने जिलाधिकारी तथा नगर निगम के आयुक्त को आवेदन देकर निविदा की प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हुए आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। डीएम को दिए गए पत्र में बताया है कि पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने अपने कार्यकाल में कार्यालय कर्मी प्रमोद कुमार वर्मा व कार्यपालक सहायक सुमित कुमार द्वारा धोखाधड़ी कर गलत तरीके से तकनीकी रूप से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। जबकि, निविदा के शर्तों के अनुरूप सभी दस्तावेज संलग्न किए गए थे। पत्र में बताया गया है कि तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यालय कर्मी प्रमोद कुमार वर्मा व कार्यपालक सहायक सुमित कुमार द्वारा साजिश कर तकनीकी बीड को 22 अप्रैल को खोल दिया गया और सभी दस्तावेज को कंप्यूटर द्वारा डाउनलोड कर दिया गया। इन दस्तावेजों से उन्हें इस बात का आभास हुआ कि निविदा उनके चहेते एजेंसी को नहीं मिलकर मेसर्स सुभाष सिंह को मिल रहा है। जिसके बाद उन्होंने मनमाने ढंग से शर्तों की व्याख्या कर तीन जून को उनकी एजेंसी को अयोग्य घोषित कर दिया। निविदा की शर्तों में निर्धारित प्रतिवर्ष एक करोड़ टर्न ओवर से बढ़ाकर पांच करोड़ प्रतिवर्ष कर दिया गया। निविदा की शर्तों के अनुसार प्रतिवर्ष पांच करोड़ का टर्नओवर के दस्तावेजों को संलग्न किया है, लेकिन कार्यालय कर्मियों ने मनमाने ढंग से मेसर्स सुभाष सिंह को आयोग्य घोषित कर दिया। पत्र में प्रबंधक ने डीएम से निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता बहाल करने की मांग करते हुए अनियमितता बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की गुहार लगाई है।


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