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मिथिला पेंटिग वाली वस्तुओं ने मेला में लोगों को किया आकर्षित

मधुबनी। स्फूर्ति योजना के तहत खादी ग्रामोद्योग आयोग व ग्राम विकास परिषद रांटी के संयुक्त तत्वावधान

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 11:39 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 11:39 PM (IST)
मिथिला पेंटिग वाली वस्तुओं ने मेला में लोगों को किया आकर्षित

मधुबनी। स्फूर्ति योजना के तहत खादी ग्रामोद्योग आयोग व ग्राम विकास परिषद रांटी के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय होटल क्लाउड-9 के सभागार में आयोजित दो दिवसीय मधुबनी पेंटिग कलस्टर क्राफ्ट मेला का समापन शनिवार को हो गया। मेला में कला प्रेमियों की अच्छी तादाद से स्टॉल लगाने वाले कलाकारों एवं अन्य उत्पादकों में खुशी देखी गई। मेला में लोगों ने जमकर खरीदारी की।

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मेला में मखाना, बांस कला और टेराकोटा भी बना रहा आकर्षक :

मेला में कुल 16 स्टॉल लगे थे। एक स्टॉल पर मखाना से तैयार विभिन्न प्रकार के खाद्य वस्तुओं में मखाना पाउडर, मखाना खीर, नमकीन मखाना, मखाना आटा सहित अन्य वस्तु लोगों को आकर्षित कर रहे थे। स्टॉल पर मौजूद मनीष आनंद झा ने बताया कि पांच वर्षो से मखाना के विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन करते हैं। मिथिला मखाना के नाम से ब्रांडिग भी करा चुके हैं। वहीं, विमला देवी के स्टॉल पर नमकीन, पापड़, सत्तू, अचार, चिप्स सहित अन्य खाद्य वस्तुओं की लोग खरीदारी करते रहें। दूसरे स्टॉल पर मिथिला पेंटिग वाले झूमर, झोला, बैग, पर्स सहित अन्य वस्तुएं लोगों को आकर्षित कर रहे थे। तीसरे स्टॉल पर मिथिला पेंटिग वाले मोबाइल पर्स, वॉल पेटिग अपनी छटा बिखेर रहे थे। एक स्टॉल पर सिक्की कला मेला में आने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। सिक्की कलाकार रेणु देवी ने बताया कि सिक्की कला की मांग बढ़ी है। एक अन्य स्टॉल पर मिथिला पेंटिग वाले बांस से तैयार रोल बॉक्स, लैंप स्टैंड सहित अन्य पेपर मेसी खिलौने सजे हुए थे। कलाकार शमा परवीन ने बताया कि पेपर मेसी पर मिथिला पेंटिग कला प्रेमियों को काफी आकर्षित कर रहा है। इधर, एक स्टॉल पर बांस कला अपनी खूबसूरती बिखेर रही थी। कलाकार मालती मिश्रा ने बताया कि देश में बांस कला की मांग तेजी से बढ़ी है। एक स्टॉल पर अगरबत्ती की खुशबू लोगों का मन मोह रही थी। स्थानीय स्तर पर अगरबत्ती का उत्पादन करने वाले लखनौर प्रखंड के हरभंगा गांव निवासी संजय कुमार ने बताया कि तीन वर्षों से अगरबत्ती का उत्पादन करते हैं। विभिन्न प्रकार की खुश्बू वाले अगरबत्ती की पैकिग कर बिक्री करते हैं। गंगापुर की सुभद्रा देवी के स्टॉल पर मिथिला पेंटिग वाले रुमाल सहित अन्य कपड़े शोभा बढ़ा रहे थे। वर्ष 2007-08 में राज्य पुरस्कार प्राप्त सुभद्रा देवी ने बताया कि गोवा, दिल्ली, मुंबई, आगरा देहरादून जैसे शहरों के प्रदर्शनी में अपनी पेंटिग्स की प्रदर्शनी कर चुकी है। एक स्टॉल पर भोला कुमार पंडित का टेराकोटा कला हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। भोला ने बताया कि परंपरागत टेराकोटा कला को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर जुटे हैं।

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मेला के आयोजन से बढ़ा कलाकारों का मनोबल :

ग्राम विकास परिषद रांटी के सचिव षष्ठिनाथ झा ने बताया कि मधुबनी में पहली बार इस तरह के मेला के आयोजन से कलाकारों का मनोबल बढ़ा है। कोरोना संक्रमण से पहले मेला का आयोजन दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, कोलकाता सहित देश के विभिन्न शहरों में लगाए जाते रहे हैं। स्थानीय स्तर पर मेला का आयोजन कलाकारों की आमदनी को बढ़ाएगा।


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