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मधुबनी के 11 कलाकारों को राज्य पुरस्कार के लिए किया गया चयनित

मधुबनी। देश-दुनिया में अपनी छटा बिखेरने वाली मिथिला पेंटिग के दस कलाकारों ने एक बार फिर

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 11:39 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 11:39 PM (IST)
मधुबनी के 11 कलाकारों को राज्य पुरस्कार के लिए किया गया चयनित
मधुबनी के 11 कलाकारों को राज्य पुरस्कार के लिए किया गया चयनित

मधुबनी। देश-दुनिया में अपनी छटा बिखेरने वाली मिथिला पेंटिग के दस कलाकारों ने एक बार फिर से राज्य पुरस्कार पाने में सफलता हासिल की है। इसके अलावा लाह चूड़ी के क्षेत्र में जिले के एक कलाकार राज्य पुरस्कार के लिए चयनित हुए है। जिले के कुल 11 कलाकारों को राज पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। इसकी घोषणा उद्योग विभाग के तहत संचालित उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान, पटना ने कर दी गई है। यह पुरस्कार वर्ष 2017-18 के लिए घोषित किए गए हैं। मिथिला पेटिग विधा से राज्य पुरस्कार के लिए चयनित कलाकारों में मधुबनी के नूतन बाला, लहरियागंज के दिनेश कुमार पासवान, श्रीपुरहाटी के सुरेंद्र पासवान, गजहरा के अंजू देवी मिश्र, जितवारपुर के इंद्रकांत झा, कन्हौली की रानी झा, हरिपुर डीहटोल की ममता देवी, जितवारपुर के अमित कुमार झा, बसौली के रौशन कुमार और चकदह के प्रियांशु कुमार शामिल हैं। वहीं, लाह चूड़ी के लिए राज्य पुरस्कार के लिए मंगरौनी गांव के राजेंद्र साह का नाम शामिल है।

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उत्कृष्ट कलाकृति कोहवर के लिए अमित को राज्य पुरस्कार :

मिथिला पेंटिग के क्षेत्र में जितवारपुर के अमित कुमार झा काफी सक्रिय रहे हैं। इनकी उत्कृष्ट कलाकृति कोहवर के लिए राज्य पुरस्कार की घोषणा की गई है। वर्ष 2009 में बिहार ललित कला अकादमी द्वारा मधुबनी पेंटिग कार्यशाला सह प्रदर्शनी में शामिल अमित पेंटिग के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिए आगे बढ़ने लगे। 30 वर्षीय अमित 16 वर्ष से मिथिला पेंटिग के साथ-साथ घरेलू उपयोग में पाए जाने वाले कागज को मुल्तानी मिट्टी के साथ खिलौने बनाकर उस पर मिथिला पेंटिग करते रहे हैं। अमित ने पेपर मेसी आर्ट के माध्यम से दर्जनों महिलाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार के दिशा में आगे बढ़ाया है। अमित ने बताया कि युवा वर्ग मिथिला पेंटिग के सहारे रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।

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उत्कृष्ट कलाकृति के लिए इंद्रकांत को राज्य पुरस्कार :

रहिका प्रखंड के जितवारपुर गांव निवासी मिथिला पेंटिग के क्षेत्र में इंद्रकांत झा की कलाकृति को वर्षों से सराही जाती रही है। इंद्रकांत झा की उत्कृष्ट कलाकृति के लिए उन्हें राज्य पुरस्कार की घोषणा की गई है। इंद्रकांत झा ने बताया कि मिथिला पेंटिग के कलाकारों को समय-समय पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिए जाने से कलाकारों का मनोबल बढ़ता है। युवाओं को मिथिला पेंटिग के क्षेत्र में अपने भविष्य को संवारने की जरूरत है।

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सुरेन्द्र को कालिदास की कलाकृति पर मिला राज्य पुरस्कार :

पंडौल प्रखंड के श्रीपुर हाटी गांव निवासी राम परीक्षण पासवान के पुत्र सुरेंद्र पासवान मिथिला पेटिग के क्षेत्र में राज्य पुरस्कार के लिए चयनित किए गए है। 56 वर्षीय सुरेंद्र पासवान को राज्य पुरस्कार कालिदास की जीवन पर आधारित कलाकृति के लिए प्रदान किया जा रहा है। वर्ष 1982 में जोधपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स से आइटीआइ करने वाले सुरेंद्र ने बताया कि बचपन से पेटिग बना रहे है। वर्ष 1999 में मेक्सिको में तीन माह तक कला प्रेमियों को मिथिला पेटिग की बारीकियों से अवगत कराया। वर्ष 2019 में चीन में 11 दिन रहकर मिथिला पेटिग का प्रचार-प्रसार किया। मिथिला पेटिग के अलावा लकड़ी की मूर्ति के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।

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मिथिला पेंटिग को समर्पित हैं अंजु देवी मिश्रा :

जिले के लदनिया प्रखंड के गजहारा की रहने वाली अंजु देवी मिश्रा को मिथिला पेंटिग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राज्य पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। ये कहती हैं कि आज इस लोक कला के बूते उनका परिवार खुशहाल है। मिथिला पेंटिग की बदौलत परिवार की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकी। आज उनके पास मिथिला पेंटिग सीखने के लिए भी कई लड़कियां आ रही हैं। उन्हें प्रशिक्षण देकर इस कला के प्रचार के साथ ही उपार्जन भी कर रही हैं। कहा कि मिथिला पेंटिग ने जीवन संवार दिया है। कई अवार्ड मिले और समाज में मान-सम्मान भी।


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