शहीद अकलू तुरहा प्रतिमा स्थल को सौंदर्यीकरण की आस
मधुबनी। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान शहीद अकलू तुरहा के मिलन चौक स्थित प्रतिमा स्थल का सौंद
मधुबनी। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान शहीद अकलू तुरहा के मिलन चौक स्थित प्रतिमा स्थल का सौंदर्यीकरण अब तक नहीं हो पाया। प्रतिमास्थल के आसपास गंदगी का अंबार लगा रहता है। प्रतिमा के ऊपर छतरी नहीं होने से बारिश के समय प्रतिमा भीगती रहती है। प्रतिमास्थल के निकट अतिक्रमण की समस्या बनी है। यहां शहीद अकलू तुरहा और गणेशी ठाकुर की स्मृति में वर्ष में एक बार कार्यक्रम कर उन्हें याद किया जाता है। बता दें कि 14 अगस्त 1942 को मधुबनी के सूड़ी स्कूल से नगर थाने पर तिरंगा फहराने के लिए हजारों की संख्या में स्वतंत्रता सेनानियों का कारवां चला था। थाना चौक के कुछ ही दूरी पर स्थित मिलन चौक आने पर यहां के तत्कालीन दारोगा राजबली ठाकुर के आदेश पर इन सेनानियों पर गोली चलाई गई थी। अकलू तुरहा और गणेशी ठाकुर शहीद हो गए थे। इनके शहीद होने के बाद स्थानीय स्तर पर आजादी की लड़ाई तेज हो गई।
पिछले वर्ष अखिल भारतीय तुरहा कल्याण मंच के तत्वावधान में शहीद अकलू तुरहा द्वार का उद्घाटन और प्रतिमा का अनावरण नगर विधायक समीर कुमार महासेठ द्वारा किया गया। भारतीय तुरहा कल्याण मंच के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि शहीद अकलू तुरहा द्वार स्थित प्रतिमा स्थल का जीर्णोद्धार कार्य के प्रति नगर परिषद प्रशासन द्वारा उदासीनता बरती जा रही है। इस स्थल के निकट ही शहीद गणेशी ठाकुर द्वार के निर्माण का प्रस्ताव नगर परिषद द्वारा पारित करने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान भाव प्रर्दिशत कर हम सभी गौरवान्वित महसूस करते हैं। देश की आजादी के लिए शहीद होने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धंजलि अर्पित करना समाज के हरेक व्यक्ति का कर्तव्य होता है।
- प्रो. जेपी सिंह
देश को आजादी दिलाने वाले के अरमानों को पूरा करना पूरा करना हम देशवासियों का कर्तव्य होता है। देश के विकास के साथ-साथ कानून की रक्षा और उसका पालन करना चाहिए। देश के विकास के लिए सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए।
- गुरु शरण सर्राफ