पुलिस से मुठभेड़ में मारे जाने पर नहीं मिलेगा मुआवजा
त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधियों को निर्वाचित होने की तिथि से पद पर बने रहने के दौरान आपराधिक, प्राकृतिक आपदा, ¨हसात्मक घटना या दुर्घटना से मौत होने पर अब 5 लाख रुपये अनुग्रह अनुदान का भुगतान उनके आश्रित को किया जाएगा।
मधुबनी। त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधियों को निर्वाचित होने की तिथि से पद पर बने रहने के दौरान आपराधिक, प्राकृतिक आपदा, ¨हसात्मक घटना या दुर्घटना से मौत होने पर अब 5 लाख रुपये अनुग्रह अनुदान का भुगतान उनके आश्रित को किया जाएगा। त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधियों में जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, जिला पार्षद, प्रमुख व उप-प्रमुख, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया, उप-मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, उप-सरपंच व पंच शामिल हैं। हालांकि यदि मृतक पंचायत प्रतिनिधि या ग्राम कचहरी प्रतिनिधि स्वयं भी आपराधिक घटना में संलिप्त रहे हों या उनकी मृत्यु पुलिस या सुरक्षा बलों आदि से मुठभेड़ में हो जाती है तब उनके आश्रित को अनुग्रह अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के सचिव अरविन्द कुमार चौधरी ने 25 अक्टूबर को संकल्प जारी कर दिया है। हालांकि उक्त सुविधा को पंचायत आम निर्वाचन-2016 के मतदान की तिथियों की घोषणा की अधिसूचना जारी होने की तिथि 25 फरवरी 2016 से ही लागू किया गया है। उक्त अनुग्रह अनुदान की स्वीकृति संबंधित डीएम की अनुशंसा पर पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव या सचिव द्वारा दी जाएगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त मामले में पहले एक लाख रुपये अनुग्रह अनुदान राशि देने का प्रावधान किया गया था जिसे बढ़ाकर अब 5 लाख रुपये कर दिया गया है। हालांकि संकल्प में विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधियों की मृत्यु अगर आतंकवादी, उग्रवादी, सांप्रदायिक, जातीय विरोधाभाव, निर्वाचन संबंधी ¨हसा एवं ¨हसा की घटनाओं में होती है और मृतक के आश्रित को गृह विभाग-विशेष, बिहार सरकार के माध्यम से किए गए प्रावधान के आलोक में अनुग्रह अनुदान प्राप्त हो चुका हो तो उन्हें पंचायती राज विभाग द्वारा अनुमान्य उक्त अनुग्रह अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा।