Move to Jagran APP

पांच सीटों पर भाजपा की अग्निपरीक्षा, जदयू के सामने किलों को बचाने की चुनौती

मधुबनी। सीटों के बंटवारे के साथ ही जिले में चुनावी रंग खिलने लगा है। यहां की कुल 10 में से छह सीटें भाजपा के खाते में हैं जबकि जदयू चार सीटों पर दमखम दिखाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 11:27 PM (IST)
पांच सीटों पर भाजपा की अग्निपरीक्षा, जदयू के सामने किलों को बचाने की चुनौती
पांच सीटों पर भाजपा की अग्निपरीक्षा, जदयू के सामने किलों को बचाने की चुनौती

मधुबनी। सीटों के बंटवारे के साथ ही जिले में चुनावी रंग खिलने लगा है। यहां की कुल 10 में से छह सीटें भाजपा के खाते में हैं, जबकि जदयू चार सीटों पर दमखम दिखाएगा। भाजपा के खाते में बेनीपट्टी, बिस्फी, झंझारपुर, मधुबनी, राजनगर और खजौली हैं। वहीं, जदयू के खाते में लौकहा, फुलपरास, हरलाखी और बाबूबरही। इन चारों सीटों पर पिछली बार जदयू को सफलता मिली थी। भाजपा को अभी की छह सीटों में पिछले चुनाव में केवल राजनगर में ही सफलता मिली थी। शेष पांचों सीटों पर उसकी अग्निपरीक्षा होनी है। इधर, सीटों का बंटवारा होते ही भाजपा में बगावत के सुर फूटने लगे हैं। यह सुर बेनीपट्टी से निकला है। भाजपा सूत्रों की मानें तो यहां से पार्टी ने वर्तमान पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा पर एक बार फिर दांव लगाने का मन बनाया है। वे यहां से 2010 में जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि पिछली बार यहां कांग्रेस की भावना झा से पीछे रह गए थे। हालांकि, बाद में वे विधान परिषद सदस्य चुने गए और उसी आधार पर उन्हें मंत्री पद भी प्राप्त हुआ।

loksabha election banner

---------------------

पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष के बिगड़े सुर:

बेनीपट्टी विधानसभा सीट से टिकट की आस में अब तक काफी पसीना बहा चुके भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य घनश्याम ठाकुर के सुर बिगड़ गए हैं। उन्होंने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा कर दी है। उनकी पीड़ा है कि चुनाव में सिबल लेने के लिए दिल्ली बुलाया गया था। वहां पहुंचने पर विधान परिषद चुनाव में मौके का आश्वासन देकर विदा कर दिया गया। वे इन दिनों पितृशोक में हैं। जिलाध्यक्ष, जिला और विधानसभा प्रभारी समेत पार्टी में विभिन्न स्तरों पर लंबी सेवा का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी जिलाध्यक्ष के चुनाव के समय भी उन्हें बेनीपट्टी से उम्मीदवारी का भरोसा देकर अलग रखा गया था। उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर को पितृकर्म से निवृत्त होने के बाद वे इस्तीफा सौंप देंगे।

इस बीच घनश्याम ठाकुर के निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात भी सामने आ रही है। वे क्षेत्र में मतदाताओं के पास पहुंच भी रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ उनका निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी के सिबल पर आना निश्चित परेशान कर सकता है।

-------------------- लोजपा की दावेदारी से बढ़ी खेमेबाजी:

लोजपा के एनडीए से अलग जदयू के खिलाफ चुनाव लड़ने के निर्णय ने सियासी खेमेबाजी बढ़ा दी है। पिछले चुनाव में लोजपा ने बाबूबरही सीट से जदयू के खिलाफ उम्मीदवारी की थी, जहां उसे हार का सामना करना पड़ा था। इस बार चर्चा है कि लोजपा, जदयू की चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ी करेगी। ऐसे में भाजपा और जदयू के असंतुष्ट नेता लोजपा नेतृत्व से लगातार संपर्क कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि लोजपा चारों सीटों पर उम्मीदवार देती है तो यह जदयू के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.