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बीमारी ने बनाया दिव्यांग, अब अमेरिका तक है नाम, जानिए सफलता की पूरी कहानी

मधुबनी के दिव्यांग खिलाड़ी शम्स को अमेरिका पांच हफ्ते का विशेष प्रशिक्षण दे रहा है। अमेरिकी सरकार के खेल विभाग और टेनेसी विवि के तहत अंतरराष्ट्रीय ट्रेनर प्रशिक्षित कर रहे हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 25 Mar 2018 09:04 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 08:44 PM (IST)
बीमारी ने बनाया दिव्यांग, अब अमेरिका तक है नाम, जानिए सफलता की पूरी कहानी
बीमारी ने बनाया दिव्यांग, अब अमेरिका तक है नाम, जानिए सफलता की पूरी कहानी

मधुबनी [जेएनएन]। शरीर का आधा हिस्सा लकवाग्रस्त होने के बाद भी रथौस गांव निवासी मो. शम्स आलम पैरा तैराकी सहित अन्य खेलों में नाम कमा रहे हैं। अब उनका चयन अमेरिकी सरकार के खेल विभाग और अमेरिका के टेनेसी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'ग्लोबल स्पोर्ट्स मेंटरिंग प्रोग्राम' के लिए हुआ है। पांच हफ्ते के इस विशेष प्रेरणा, परामर्श और ट्रेनिंग में भाग लेने के लिए वे अमेरिका पहुंच गए हैं।

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विश्व के 18 चयनित लोगों में शम्स भी

बिस्फी प्रखंड के रथौस गांव निवासी मो. नसीर के 31 वर्षीय पुत्र शम्स के अनुसार इस विशेष प्रोग्राम के लिए दुनिया भर के 18 उभरते नेतृत्व क्षमता वाले व्यक्तियों का चयन किया गया है, जिनमें से वे एक हैं। इसके लिए 216 देशों ने आवेदन किया था। 25 मार्च से 29 अप्रैल तक इस 'स्पोटर्स फॉर कम्युनिटी' प्रोग्राम में शम्स को अंतरराष्ट्रीय ट्रेनर प्रशिक्षित करेंगे। इसके बाद वे दिव्यांगों और वंचित तबके की महिलाओं के बीच क्रीड़ा संबंधी संभावनाओं पर काम करेंगे। शम्स के प्रशिक्षण, यात्रा और रहने का सारा खर्च अमेरिकी सरकार उठा रही है।

अदम्य इच्छाशक्ति से बढ़ रहे आगे

मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट शम्स जिला से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकरीबन पांच दर्जन मेडल प्राप्त कर चुके हैं। वर्ष 2010 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान रीढ़ में दर्द की शिकायत हुई। मुंबई के एक अस्पताल में ऑपरेशन हुआ। सफल नहीं होने पर पांच माह बाद दूसरे अस्पताल में ऑपरेशन हुआ। इसके बाद भी परेशानी दूर नहीं हुई।

वर्ष 2012 में चिकित्सकों ने विकलांग होने की बात बताई। वे व्हीलचेयर के सहारे दिन गुजारने लगे। लेकिन, हिम्मत नहीं हारी। तैयारी में शौक के चलते इसमें मेहनत करने लगे। आठ अप्रैल 2017 को गोवा में एक ट्रैवल्स कंपनी की ओर से आयोजित उमोजा बीच फेस्टिवल में चार घंटे चार मिनट में आठ किलोमीटर की तैराकी कर रिकॉर्ड बनाया।

जुलाई 2017 में जर्मनी के बर्लिन में आयोजित पैरा वर्ल्‍ड सिरीज स्विमिंग चैंपियनशिप में 54 देशों के 634 खिलाडिय़ों के साथ प्रदर्शन में एस पांच कैटगरी में सातवीं रैंक हासिल की। अगस्त 2017 में पटना में संपन्न व्हीलचेयर रग्बी चैंपियनशिप में बिहार टीम के कप्तान के रूप में भाग लिया।

एशियन पैरा गेम्स में लेंगे भाग

पैरा तैराकी में अमेरिका के फ्लोरिडा में खिताब हासिल करने वाले शम्स देश के विभिन्न हिस्सों में पैरा तैराकी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल सहित कई पुरस्कार जीत चुके हैं। इंडोनेशिया के जकार्ता में अक्टूबर 2018 में होने वाले एशियन पैरा गेम्स में भाग लेंगे। शम्स को 28 अगस्त 2017 को बिहार दिव्यांग स्पोटर्स एकेडमी तथा 29 अगस्त 2017 को बिहार सरकार ने पटना में खेल सम्मान समारोह में सम्मानित किया था। शम्स अमेरिका में विशेष प्रशिक्षण के बाद ग्रामीण क्षेत्र में दिव्यांग खेल प्रतिभाओं और क्रीड़ा गतिविधि के जरिए नारी सशक्तीकरण की दिशा में काम करने की इच्छा रखते हैं।


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