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गंदगी का अंबार, कहां गए सफाई मद के करोड़ों रुपये

मधुबनी। नगर परिषद क्षेत्र में दो दिन से गंदगी की सफाई कार्य बाधित है। इससे यहां की सफाई व्यवस्था चरमरा गई हैं। सफाई कर्मियों ने यह कहते हुए काम ठप कर दिया है कि पूर्व की सफाई एजेंसी सरस्वती आर्ट एंड कल्चर द्वारा सफाई कर्मियों का कई माह का बकाए राशि का भुगतान नही किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 11:41 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 11:41 PM (IST)
गंदगी का अंबार, कहां गए सफाई मद के करोड़ों रुपये
गंदगी का अंबार, कहां गए सफाई मद के करोड़ों रुपये

मधुबनी। नगर परिषद क्षेत्र में दो दिन से गंदगी की सफाई कार्य बाधित है। इससे यहां की सफाई व्यवस्था चरमरा गई हैं। सफाई कर्मियों ने यह कहते हुए काम ठप कर दिया है कि पूर्व की सफाई एजेंसी सरस्वती आर्ट एंड कल्चर द्वारा सफाई कर्मियों का कई माह का बकाए राशि का भुगतान नही किया जा रहा है। इससे सफाईर्किमयों की जिदगी फटेहाल है। वहीं पदाधिकारी मालामाल होते रहे हैं। अब सवाल उठ रहा कि सफाई मद के लाखों रुपये कहां गए। मालूम हो कि करीब तीन माह पूर्व इस एजेंसी का एकरारनामा समाप्त होने तथा दूसरे एजेंसी का निविदा प्रक्रिया लंबित रहने से वर्तमान में नगर परिषद के सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा की देखरेख में शहर की सफाई कार्य चल रहा है। इस एजेंसी पर पिछले तीन वर्षों में शहर की सफाई मद में लाखों के हेराफेरी के आरोप लगते रहे हैं। पूर्व में सफाई के नाम पर भारी लूट-खसोट के कारण शहर नर्क में तब्दील रहा। पूर्व में प्रतिमाह लाखों रुपये व्यय के बाद भी शहर में गंदगी की नियमित सफाई नही होने, सफाई कार्य में सफाई कर्मियों की संख्या में हेराफेरी की बात सामने आती रही हैं। कई पार्षदों की मानें सफाई के नाम पर राशि की बंदरबांट की गई। सफाई कर्मियों के इपीएफ जांच हो तो सच सामने आ सकता है। चार वार्ड में सफाई की अलग कहानी नगर परिषद क्षेत्र के कुल चार वार्ड की सफाई व्यवस्था बहाल रखने के लिए कई वर्षों से नगर परिषद के निज सफाई कर्मियों को लगाया गया है। शहर के वार्ड नंबर 25, 26, 27 व 30 में नगर परिषद के सफाईकर्मी को दिए जाने पर अन्य पार्षदों द्वारा आपत्ति जताई जाती रही है। गंदगी जलाने से दूषित हो रहा वातावरण शहर में गंदगी की सफाई और गंदगी को फेंकने में विभाग की नियमों की अनदेखी की जा रही है। शहर से उठाए गए गंदगी को शहर से बाहर के बजाए शहर के थाना चौक पर डाल दिया जाता है। इससे यहां गंदगी का ढेर लगा है। यहां गंदगी में आग लगा देने से इसका धुआं वातावरण को दूषित करता है। सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा ने बताया कि सफाई कर्मियों को थाना चौक पर गंदगी डालने से मना किया गया है। आमलोगों को सड़क पर खुले में गंदगी फेंकने से परहेज करना चाहिए। सड़क पर गंदगी फेंकने वालों पर जुर्माना राशि वसूली जाती हैं। पूर्व में थाना चौक पर गंदगी फेंकने वाले सफाई एजेंसी पर आíथक दंड की कार्रवाई की गई थी। पूर्व के वर्षो में सफाई कार्य पर हुए खर्च की उच्चस्तरीय जांच जरूरी शहर के लोग गंदगी से परेशान हैं। शहर की सफाई कार्य में वर्षों से फिसड्डी साबित हो रहे नगर परिषद के कार्यशैली पर निरंतर आरोप लगने के बाद भी सुधार का नाम नही ले रहा है। शहर के लक्ष्मण कुमार ने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र में पूर्व के वर्षो में सफाई कार्य पर हुए खर्च की उच्चस्तरीय जांच कराया जाना चाहिए। राकेश कुमार ने बताया कि शहरी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए संबंधित एजेंसी के साथ-साथ पूर्व के पदाधिकारियों के कार्यकाल में हुए खर्च की जांच जरूरी होगा। वहीं समाजसेवी राजेश झा ने बताया कि शहर की सफाई कार्य कर रहे पूर्व के एक एजेंसी की संपत्ति की जांच कराकर दोषियों पर समुचित कार्रवाई किया जाना चाहिए।

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