एससी-एसटी अत्याचार कांडों में लापरवाही पर होगी कार्रवाई
मधुबनी। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार से संबंधित कांडों के निष्पादन में लापरवाही बरतने वाले थानेदारों एवं अनुसंधानकर्ताओं के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
मधुबनी। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार से संबंधित कांडों के निष्पादन में लापरवाही बरतने वाले थानेदारों एवं अनुसंधानकर्ताओं के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। प्रावधान के अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार से संबंधित कांडों का निष्पादन 60 दिनों के अंदर किया जाना अनिवार्य है। लेकिन उक्त अधिनियम से जुड़े कई कांडों का निर्धारित समय-सीमा के अधीन निष्पादन नहीं किया जाता है। यह मामले संज्ञान में आने पर अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस महानिरीक्षक (कमजोर वर्ग) डॉ. कमल किशोर सिंह ने काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने सख्त निर्देश दिया है कि 31 अक्टूबर 2019 तक दर्ज किए गए अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम से संबंधित लंबित कांडों का निष्पादन हर हाल में 31 दिसंबर तक करना सुनिश्चित करें। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त पुलिस महानिरीक्षक ने मुख्यमंत्री को भी आश्वस्त कर चुके हैं कि 31 अक्टूबर तक दर्ज किए गए अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम से संबंधित लंबित कांडों का निष्पादन हर हाल में 31 दिसंबर तक अभियान चलाकर कर लिया जाएगा। इसी आश्वासन पर पूरी तरह खरा उतरने के लिए उक्त पुलिस महानिरीक्षक ने 31 अक्टूबर 2019 तक दर्ज किए गए अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम से संबंधित लंबित कांडों का निष्पादन हर हाल में 31 दिसंबर 2019 तक करने का सख्त निर्देश दिया है। उक्त निर्देश के आलोक में पुलिस अधीक्षक डॉ. सत्य प्रकाश ने जिले के सभी एसडीपीओ को आदेश दिया है कि विशेष अभियान चलाकर 30 अक्टूबर तक प्रतिवेदित अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम से संबंधित सभी लंबित कांडों का निष्पादन 31 दिसंबर तक हर हाल में सुनिश्चित करें। एसपी ने जिले के सभी एसडीपीओ को यह भी आदेश दिया है कि जिस थानाध्यक्ष एवं अनुसंधानकर्ता द्वारा उक्त अधिनियम से जुड़े कांडों के निष्पादन में लापरवाही बरती जाती है, उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई हेतु रिपोर्ट समर्पित करना भी सुनिश्चित करें। उक्त मामले में पुलिस इंस्पेक्टरों से लेकर थानाध्यक्षों तक को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश एसपी ने दिया है।