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सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती मां

मधुबनी। शारदीय नवरात्र के सप्तमी तिथि को बेल के रस से नेत्र ज्योति देने के बाद मां का पट खोल दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 11:25 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:05 AM (IST)
सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती मां
सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती मां

मधुबनी। शारदीय नवरात्र के सप्तमी तिथि को बेल के रस से नेत्र ज्योति देने के बाद मां का पट खोल दिया गया। मां दुर्गा के जयकारे के साथ भक्त दर्शन करने पहुंचे। पूजा पंडालों में पट खुलने की प्रतीक्षा में लोग प्रतीक्षारत देखे गए। आज अहले सुबह न्योते गए बेल को तोड़कर पालकी में लाया गया। जिसे पूरे अनुष्ठान के साथ पूजन कर नेत्र ज्योति देने की रस्म हुई। पूजा पंडालों में तब से दर्शन को भीड़ लगी रही। शाम में दीपोत्सव से माहौल भक्तिमय बन गया। सांध्य आरती में भी भक्तों ने भाग लिए। इस बार कोरोना के कारण गत वर्ष की तरह लोगों का जुटान नहीं है लेकिन भव्यता में कोई कमी नहीं दिखी। मनोयोग से सभी मां का दर्शन कर स्वयं के लिए शुभ की कामना की। नगर के गिलेशन बाजार, सप्ता, कोतवाली चौक, भौआड़ा पुरानी दुर्गा स्थान में सुबह से ही मां के दर्शन को भीड़ लगी है। मधवापुर : प्रखंड मुख्यालय स्थित बाबा पंचेश्वरनाथ महादेव मंदिर परिसर में शारदीय नवरात्रा के सातवें दिन सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की विधिवत पूजा अर्चना की गई। मां दुर्गा का पट खुलते ही माता के दर्शन व पूजन के लिए श्रद्धालु भक्तजनों की भाड़ी भीड़ उमड़ पड़ी। आसपास गांव के अलावा सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से आए भक्तों द्वारा मां के दर्शन, पूजन एवं खोईछ भरने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए पूजा समिति के स्वयं सेवकों को भीड़ नियंत्रित करने के लिए काफी मसक्कत करनी पड़ी। पूजा समिति के अध्यक्ष निलांबर मिश्र ने बताया कि प्रतेक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मां दुर्गा की पूजा उत्साह पूर्वक धूमधाम से की जा रही है। लोग श्रद्धा पूर्वक मां की पूजा कर रहे है। मंदिर परिसर में मां दुर्गा समेत विभिन्न देवी देवताओं की आकर्षक प्रतिमा का निर्माण गांव के ही कुशल कलाकार राजू लाल के द्वारा कराया गया है। कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा जारी नियमों व शर्तों का अनुपालन पूजा समिति के द्वारा कराया जा रहा है। पूजा के सफल संचालन में पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष निलांबर मिश्र, उपाध्यक्ष रामसागर पूर्वे, उमाशंकर गुप्ता, सचिव अनिल मुखर्जी, राकेश कुमार नायक, कोषाध्यक्ष भरत कुमार मंडल राजेश साह सहित संपूर्ण ग्रामीण जुटे हुए हैं। बाबूबरही : सप्तमी को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों का पट खुल गया। इसके साथ ही दर्शन व पूजा अर्चना को लेकर भीड़ रही। कोविड 19 के मद्देजनर प्रशासन द्वारा कई सख्त निर्देश दिए गए हैं। प्रखंड प्रशासन द्वारा विभिन्न पंडालों व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है। बाबूबरही :दुर्गापूजा को लेकर शुक्रवार को बेलतोडी की रस्म अदा की गई। इस मनोहारी ²श्य को देखने आस्था का सैलाब उमड़ पडा। भक्त मां की अनंत गहराईयों में उतरकर अर्चना की। गुरुवार को बेलन्योती की प्रक्रिया संपन्न हुई थी। आमंत्रित किए गए बेल को तोड़ने व लाने दुर्गा मंदिरों से विधि विधानपूर्वक सजे डोली चली। बेल वृक्ष के निकट वैदिक मंत्रोच्चार के संग पूजा अर्चना की गई। फिर आमंत्रित बेल को तोड़कर डोली में सुसज्जित बैठाकर भक्तों द्वारा दुर्गा मंदिर लाया गया। बेल के रस से दुर्गा मां को नेत्र ज्योति देने की रस्म की गई। इसके बाद दर्शनार्थ व पूजा अर्चना को मंदिर का पट खुल गया। खुटौना : शारदीय नवरात्र के सातवें दिन शनिवार को मां दुर्गा के सातवें रूप मां कालरात्रि की विधि विधानपूर्वक पूजा की गई। सबेरे पर खुलते ही मां भगवती के दर्शन को लोग पंक्तियों में खड़े हो गए। स्पष्ट रूप से पूजा स्थलों पर चहलपहल बढ़ गई है। कोरोना संकट के ²ष्टिगत मंदिर एवं पूजा पंडाल प्रवंधन चेहरों पर मास्क लगाने तथा सामाजिक दूरी कायम रखने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। स्थानीय दुर्गा मंदिर में पूजा समिति द्वारा मुफ्त में भी मास्क बांटे गए हैं। पूर्व की भांति मेला आयोजित नहीं है। श्रद्धालुओं को प्रसाद की उपलब्धता हेतु दो-तीन मिठाई की दुकानें दूर हटाकर चलाने की अनुमति दी गई है। अधिकतर श्रद्धालु मां को फल अर्पित कर रहे हैं। संध्या आरती के समय मां को सांझ देनेवाली महिलाओं की कतारें मंदिरों में लंबे हो जाती है। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। झंझारपुर: अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन के लिए नेत्र ज्योति देने के साथ मां के दर्शन को पट खोल दिया गया। मां दुर्गा की जयकारा के बीच पट खुलते ही मां के दर्शन को मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जूटने लगी है। शुक्रवार की रात में ही निशा पूजा का आयोजन विभिन्न मंदिरों एवं व्यक्तिगत रूप से घर पर पूजा करने वाले श्रद्धालु ने किया। नवटोल गांव में स्थापित मां की प्रतिमा चित्ताकर्षक है। यहां की भगवती वरदायिनी मानी जाती है। कहा जाता है कि गांव को विभिन्न आपदा से बचाने में माता का सहयोग हमेशा ग्रामीणों पर रहता है। यहां नवटोल दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष ललन झा, सचिव अरविन्द झा, कोषाध्यक्ष विश्वम्भर झा, मनुज झा, राकेश झा, कुंवरचन्द्र झा सहित अन्य ने बताया कि माता के दरवार में आनेवाले श्रद्धालुओं को दो गज दूरी व्यवस्थित करने को कहा जा रहा है। पूजा समिति ने हैंड सेनेटाईजर की भी व्यवस्था सार्वजनिक कर रखी है। यहां अन्य वर्षों की तरह होने वाली किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम को कोविड 19 के कारण स्थगित कर दिया गया है। कैथिनियां दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष देवस्वरूप ठाकुर, कोषाध्यक्ष प्रबोध ठाकुर एवं प्रधान पूजारी रमेश झा ने बताया कि मां का दर्शन आम लोगों के लिए प्रारंभ हो गया है। एहतियात बरती जा रही है। दुर्गा पूजा समिति पट्टीटोल-लक्ष्मीपुर के अध्यक्ष डा. सुरेन्द्र झा, उपाध्यक्ष अभिराम ठाकुर, कोषाध्यक्ष राघव झा, ग्रामीण हरेराम मिश्र सहित अन्य ने बताया कि यहां भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रद्द है, लेकिन आम लोगों की भक्ति अपने परवान पर है। दीप, गंगापुर, रूपौली, लोहना, तमुरिया, सिमरा सहित अन्य दुर्गा मंदिरों में भी श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।

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