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खाते से निकले 10 लाख, घरों में नहीं पहुंची पानी की एक बूंद

मधुबनी। मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना की सेहत फुलपरास प्रखंड की धनौजा पंचायत के वार्ड नंबर-नौ में सही नहीं है। इस वार्ड के सभी लोगों के घरों में नल का जल पहुंचाने के लिए 20 32 600 रुपये की प्राक्कलित राशि से काम शुरू किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 11:47 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 06:11 AM (IST)
खाते से निकले 10 लाख, घरों में नहीं पहुंची पानी की एक बूंद
खाते से निकले 10 लाख, घरों में नहीं पहुंची पानी की एक बूंद

मधुबनी। मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना की सेहत फुलपरास प्रखंड की धनौजा पंचायत के वार्ड नंबर-नौ में सही नहीं है। इस वार्ड के सभी लोगों के घरों में नल का जल पहुंचाने के लिए 20, 32, 600 रुपये की प्राक्कलित राशि से काम शुरू किया गया। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत द्वारा विभिन्न तीन तिथियों में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में 10 लाख रुपये हस्तांतरित भी कर दिए गए। खाते से 10 लाख रुपये की निकासी भी कर ली गई। लेकिन, जब तकनीकी सहायक एवं लेखापाल सह आइटी सहायक ने उक्त योजना के कार्यान्वयन की स्थिति की भौतिक जांच की तो सच्चाई कुछ और सामने आई। यहां अब भी काम अधूरा मिला। संयुक्त जांच रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को भेज दी गई। इसमें उल्लेख किया गया कि उक्त योजना के कार्यान्वयन के लिए 10 लाख रुपये की खाता से निकासी करने के बाद भी योजना अधूरी है।

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भौतिक जांच की तिथि तक पानी की टंकी नहीं लगाई गई थी। स्टेजिग का निर्माण भी नहीं किया गया था। मापदंड के अनुसार गुणवत्ता वाले पाइप भी नहीं लगाए गए थे। वार्ड में नल चालू अवस्था में नहीं था। नलपोस्ट एवं गेटवाल भी नहीं लगाया गया था। निरीक्षण के दौरान बिजली कनेक्शन भी नहीं पाया गया। अनुरक्षक की भी नियुक्ति नहीं की गई थी। मापी पुस्तिका में भी प्रविष्टि शून्य पाई गई। योजना का लाभ वार्ड वासियों को नहीं मिल रहा था।

संयुक्त जांच रिपोर्ट में उल्लेखित स्थितियों को गंभीरता से लेते हुए जिला पदाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने धनौजा पंचायत के मुखिया एवं पंचायत सचिव, उक्त वार्ड के वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के अलावा संबंधित कनीय अभियंता से लेकर सहायक अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है। इसमें कहा गया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता बरतने एवं अभिलेखों के संधारण में शिथिलता बरतने के आरोप में क्यों नहीं विधि-संगत कार्रवाई की जाए? डीएम ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि निर्धारित अवधि में स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं हुआ तो माना जाएगा कि उनलोगों को इस संबंध में कुछ नहीं कहना है। साथ ही आगे विधि संगत कार्रवाई की जाएगी।


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