Move to Jagran APP

भूमि विवाद के पेंच में फंसा है सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था

मधेपुरा। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच सरकार के

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 10:55 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 10:55 PM (IST)
भूमि विवाद के पेंच में फंसा है सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था
भूमि विवाद के पेंच में फंसा है सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था

मधेपुरा। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच सरकार के द्वारा शर्त के साथ कुछ छूट देने के बाद शहर में लोग काफी संख्या में निकलने लगे हैं। लॉकडाउन 4.0 में छूट में खुले दुकानों के कारण शहर में विभिन्न जगहों पर काफी कचरा जमा हो गया है। बाजार में फैले कचरे ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं कोरोना काल में भी नगर परिषद की उदासीनता के कारण शहर की सफाई नहीं हो रही है।

loksabha election banner

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था

नगर परिषद क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था लॉकडाउन से पहले से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। इसका मुख्य कारण भूमि विवाद है। क्योंकि कचरे को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में करने के लिए जिस जगह का चिन्हित किया गया था। उस स्थान को दूसरे लोगों के द्वारा अपनी भूमि बताने से मामला अटका पड़ा है। बताते चलें कि इस भूमि विवाद का निदान मार्च महीने के अंत में किया जाना था। परंतु इस दौरान लॉकडाउन हो जाने के कारण सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला गया है। 150 कर्मचारियों पर है शहर की सफाई का जिम्मा कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच शहर को साफ रखना भी नगर परिषद के लिए बड़ी चुनौती है। वहीं लॉकडाउन में शहर में साफ-सफाई में लगे 150 कर्मी किसी प्रकार अपना कार्य कर रहे हैं। बताते चलें कि नगर परिषद के क्षेत्र में सफाई करने में कोताही बरतने के कारण कुछ समय पूर्व ही दो एनजीओ को सफाई कार्य से मुक्त कर दिया गया था। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया कर नप ने दूसरे कंपनी को साफ सफाई का जिम्मा दे दिया था। नगर परिषद अधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में 150 कर्मी प्रतिदिन दैनिक मजदूरी पर शहर की साफ-सफाई कर रहे हैं।

डोर-टू-डोर नहीं हो रहा कचरों का उठाव नगर परिषद क्षेत्र के 26 वार्ड में किसी भी वार्ड में डोर-टू-डोर कचरे का उठाव नहीं हो रही है। साल के पहले महीने से ही नप क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरे का उठाव की प्रक्रिया शुरु किया जाना था। परंतु लापरवाही एवं सुस्त रवैये के कारण नगर परिषद क्षेत्र में यह व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। डोर-टू-डो कचरे का उठाव किए जाने से शहरवासियों को कचरे से निजात मिल पाएगा।

बारिश में शहर की स्थिति हो जाती है नरकीय मानसून के आते ही शहर में लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। नालों की साफ-सफाई नहीं होने के कारण हल्की बारिश होने के बाद ही शहर की सूरत बदल जाती है। नगर परिषद क्षेत्र के सभी 26 वार्डों जलमग्न हो जाता है। शहर में 150 से अधिक छोटे-बड़े नाले हैं। बावजूद इसके बारिश की फुहार मात्र से शहर के सड़कों पर चलना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है।

सफाई मामले में निर्देशों का नहीं हो रहा पालन साफ- सफाई को ले सरकार के द्वारा जारी किए दिशा निर्देशों पर नगर परिषद खरा नहीं उतर पा रही है। शहर में सफाई करवाने के नाम पर खानापूर्ति की जा जाती है। सही तरीके से साफ-सफाई नहीं होने के कारण 150 कर्मियों के प्रतिदिन सफाई के बावजूद शहर में जगह-जगह कूड़े-कचरे का ढेर लगा हुआ है। बताते चलें कि नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न जगहों से कचरे का उठाव कर शहर के किसी गड्ढे में उसे डाल दिया जाता है।

-

शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था पर पूरी तरह से नजर रखी जा रहीं हैं। प्रतिदिन कचरों का उठाव किया जा रहा है। सफाई कर्मी अपने कार्य को कोरोना काल में भी अंजाम दे रहे हैं। यदि कहीं कोई समस्या आती है तो उसका निराकरण तुरंत किया जाएगा। प्रवीण कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी,

नगर परिषद, मधेपुरा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.