मांगों को लेकर 20 सितंबर को जिला मुख्यालय पर प्रर्दशन करेंगी सेविका
मधेपुरा। सदर प्रखंड कार्यालय परिसर में बिहार राज्य आंगनबाड़ी संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं
मधेपुरा। सदर प्रखंड कार्यालय परिसर में बिहार राज्य आंगनबाड़ी संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अर्चना कुमारी ने किया। आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। न्यूनतम मजदूरी से भी कम दर पर सेविका सहायिकाओं से कार्य लिया जा रहा है। जबकि सेविका सहायिका कार्यकर्ता सरकार के हर कार्यो में पूरी ईमानदारी के साथ सहयोग करते आ रही है। बावजूद सरकार आंगनबाड़ी सेविका के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर जिले भर की सेविका सहायिका कार्यकर्ता 20 सितंबर को धरना प्रदर्शन करेगी। उन्होंने सभी सेविका सहायिका से धरना प्रदर्शन में शामिल होकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की। मौके पर सेविका बेबी कुमारी, संतोष कुमारी, किरण कुमारी, आरूती कुमारी, ¨रकू कुमारी, निभा कुमारी, मंजू कुमारी, रेणू कुमारी, प्रतिमा कुमारी, पुनम कुमारी, अंजू जायसवाल, कविता कुमारी, मधुवाला कुमारी, अरूणा कुमारी सहित अन्य मौजूद थी।
----------------------------
मुख्य मांग
-आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को सरकारी कर्मी का दर्जा दी जाए
-सरकारी कर्मी का दर्जा मिलने तक सेविका को 18 हजार एवं सहायिका को 12 हजार मानदेय दी जाए
-54 दिन हड़ताल उपरांत 16 मई 2017 को हुई सफल वार्ता के आलोक में मांगों का शीघ्र निष्पादन किया जाए
-गोवा, तेलंगना एवं अन्य राज्यों की तरह सरकार सेविका को सात हजार एवं सहायिका को 45 सौ का अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाए
-सेविका को पर्यवेक्षिका एवं सहायिका को सेविका पद पर पदोन्नति दी जाए
-सेवानिवृति के बाद पांच हजार मासिक पेंशन एवं पांच लाख सहायता राशि एवं बीमा का लाभ दिया जाए
-आंगनबाड़ी सेविका सहायिका चयन मार्गदर्शिका एवं दंडनिरूपण की प्रक्रिया विधि सम्मत की जाए
-चार घंटे से अधिक कार्य के लिए मजबूर ना किया जाए
-समान काम के लिए समान वेतन मान लागू की जाए
-हड़ताल अवधि का वेतन की कटौती नहीं की जाए
-निर्धारित कार्य के अतिरिक्त कार्य नहीं लिया जाए
-महंगाई के आलोक में मकान किराए भत्ता की राशि में वृद्वि की जाए
-मानदेय का भुगतान नियमित करते हुए लंबित मानदेय का शीघ्र भुगतान की जाए
-बिना भौतिक सत्यापन के पोषाहार राशि की वसूली पर रोक लगाई जाए
-आंगनबाड़ी का निजीकरण नहीं किया जाए